प्रमुख ऑनलाइन खुदरा कंपनी स्नैपडील, इसके सीईओ कुणाल बहल व अन्य के खिलाफ शुक्रवार को यहां प्राथमिकी दर्ज की गई। नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के खाद्य व दवा प्रशासन (एफडीए) के आदेश पर यह एफआइआर दर्ज की है। कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई उन दवाओं की आनलाइन बिक्री के मामले में की गई है जो दुकानदार द्वारा डाक्टर का नुस्खा देखने के बाद ही ग्राहक को बेची जा सकती हैं।
एफडीए आयुक्त हर्षदीप कांबले ने कहा कि एफडीए की चेतावनी और अपनी ओर से इस तरह की बिक्री रोकने का हलफनामा दिए जाने के बावजूद स्नैपडील इन दवाओं को बेचते हुए पाई गई। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट व अमेजन जैसी अन्य ई कामर्स कंपनियों के खिलाफ भी जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे भी दवाओं की बिक्री में ऐसी ही गड़बड़ी कर रहे हैं। एफडीए से इस आशय का आदेश मिलने के तुरंत बाद नवी मुंबई पुलिस ने स्नैपडील, बहल व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली।
एफडीए ने इस बारे में पिछले महीने यहां स्नैपडील कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे। कंपनी के खिलाफ शिकायतें थी कि वह अपने पोर्टल के जरिए ‘नुस्खे की शर्त वाली दवाओं’ सहित अन्य दवाएं बेच रही है। कांबले ने संवाददाताओं को बताया कि एफडीए ने सभी संबद्ध लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया जिनमें स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल, कंपनी के अन्य निदेशक व दवाओं के वितरक शामिल हैं।
इस बारे में संपर्क करने पर स्नैपडील के प्रवक्ता ने कहा,‘ इस मामले में हम जांच में एफडीए टीम का सहयोग कर रहे हैं और करते रहेंगे। हम उत्पादों व संबद्ध वितरकों को पहले ही पोर्टल से हटा चुके हैं और भुगतान भी रोक दिया गाया है। इसके अलावा हम एफडीए को सभी जरूरी सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं।’
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि वेबसाइट तो अपने यहां सूचीबद्ध उत्पादों के मामले में विक्रेता व क्रेता के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। कांबले ने कहा,‘जेस्पर इन्फोटेक प्राइवेट, स्नैपडील डाट काम के जरिए विगोरा टैबलेट की बिक्री की पेशकश कर रही थी जबकि यह दवा केवल चिकित्सक की लिखित सलाह पर ही बेची जानी चाहिए।’ यह दवा ‘मित्तल फार्मा, कोटा ने बेची। यह एक विक्रेता है जिसका जैस्पर एसकोरिल एक्सपेक्टोरैंट के साथ समझौता था।’ इसी तरह ‘नई दिल्ली के ऋषभ इंटरप्राइजेज ने यह दवा रायगढ, महाराष्ट्र के एक ग्राहक को बेची और कूरियर से भेजी। ऋषभ का भी जैस्पर से समझौता है।’
कांबले ने कहा कि एफडीए ने राज्य दवा नियंत्रकों को पत्र लिखकर सम्बद्ध व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। कांबले ने कहा कि स्नैपडील द्वारा नियमों का उल्लंघन मामले की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई है। कंपनी के गोदामों पर 16 व 20 अप्रैल को छापे मारे गए थे।
