सोने की कीमत में इस साल जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। सोने की कीमत इस साल रुपये में 40% और डॉलर में 37% ऊपर है लेकिन चांदी ने और भी अच्छा किया है। चांदी की कीमत इस साल रुपये में करीब 50% और डॉलर में 46% ऊपर है यानी करीब 9% का अतिरिक्त फायदा। डॉलर और रुपये की बढ़त में फर्क इसलिए है क्योंकि इस साल रुपया डॉलर के मुकाबले 3% गिरा है।

दो धातुओं की कहानी

व्यावहारिक रूप से सोना एक सुरक्षित संपत्ति है। यह महंगाई के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है। जब हालात खराब हों, तो आप इसे अपने पास रखना चाहेंगे। दूसरी ओर, चांदी ऐसी नहीं है। यह एक सुरक्षित संपत्ति होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण औद्योगिक घटक वाली संपत्ति भी है। इसका मतलब है कि यह बुरे समय में आपके पोर्टफोलियो की उसी तरह रक्षा नहीं करेगी जैसे सोना करता है।

चांदी की औद्योगिक मांग का मतलब है कि अच्छी आर्थिक खबरें कभी-कभी चांदी के लिए भी अच्छी होंगी। सुरक्षित निवेश का मतलब है कि ज्यादा महंगाई या उच्च अनिश्चितता भी चांदी के लिए अच्छी होगी। ऐसा लगता है कि आज हम ठीक इसी माहौल में हैं।

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असमंजस भरे बाजार में चांदी की चमक क्यों?

हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, हमारे सामने एक असामान्य परिदृश्य है जहां अनिश्चितता बहुत ज्यादा है, लेकिन शेयर बाजार लगातार बढ़ रहे हैं। निवेशक चिंतित हैं और इसने सोने और चांदी दोनों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। साथ ही, आर्थिक गतिविधियां मज़बूत बनी हुई हैं। और परिणामस्वरूप, शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

जब आर्थिक गतिविधियां मजबूत हैं, तो निवेशक चिंतित क्यों हैं?

हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण निवेशक चिंतित हैं। कीमती धातुओं में तेजी ट्रम्प प्रशासन के ग्लोबल व्यापार को फिर से पटरी पर लाने के प्रयासों के साथ जुड़ी हुई है। ट्रम्प की अधिकांश व्यापार नीतियां अप्रत्याशित और तेज़ी से आगे बढ़ने वाली रही हैं। कोई नहीं जानता कि ये नीतियां कहां तक पहुंचेंगी। और इसके अलावा, हम नहीं जानते कि दीर्घकालिक प्रभाव क्या होंगे। हम अनुमान लगा सकते हैं (और मेरे पास भी कुछ विचार हैं), लेकिन फिर भी यह अनिश्चित है। इसी कारण से, कीमती धातुएँ इस वर्ष सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली परिसंपत्ति वर्ग हैं।

साथ ही, टैरिफ का अभी तक कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन फिलहाल तो सब कुछ सामान्य ही है। यही वजह है कि इस साल चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसे सुरक्षित निवेश की माँग का फायदा मिल रहा है।

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एक निवेशक की राय

हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, एक निवेशक के लिए सबसे अच्छा तरीका क्या है? यह सलाह दी जाती है कि निवेशक अनिश्चित भविष्य से बचने के लिए अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा सोने में रखें। यह अच्छी सलाह है। इससे भी बेहतर तरीका है कि कीमती धातुओं में निवेश में विविधता लाए। सिर्फ़ सोना ही नहीं, बल्कि चादी भी रखें।

चूंकि सोना सबसे सुरक्षित निवेश है, इसलिए आपके कीमती धातुओं के निवेश का बड़ा हिस्सा इसमें ही होना चाहिए। चांदी थोड़ी रिस्क भरी निवेश है। अगर शेयर बाजार गिरते हैं और आर्थिक गतिविधियां कम होती हैं, तो चाँदी सोने से कमतर प्रदर्शन करेगी। लेकिन अगर शेयर बाजार में तेजी जारी रहती है, तो चांदी सोने से बेहतर प्रदर्शन करेगी। इस वजह से, अगर आपके पास पहले से ही शेयर हैं, तो जरूरी नहीं कि चांदी आपके कीमती धातुओं के निवेश का एक बड़ा हिस्सा हो। लेकिन एक छोटी होल्डिंग आपको विविधीकरण प्रदान कर सकती है और आपके रिटर्न को बेहतर बना सकती है।

[डिस्क्लेमर: ये आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। Jansatta.com अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।]