गंभीर किस्म के आर्थिक अपराध की पड़ताल के लिए बनी एजेंसी SFIO (Serious Fraud Investigation Office) की एक जांच में खुलासा हुआ है कि भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर ब्रज भूषण सिंघल और नीरज सिंघल ने गलत तरीके से विभिन्न बैंकों से 45,800 करोड़ रुपए का लोन प्राप्त किया था। यह लोन साल 2013-14 और साल 2016-17 के बीच प्राप्त किया गया।
SFIO ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में भूषण स्टील के दोनों प्रमोटर्स के अलावा इसके टॉप एग्जीक्यूटिव, जिनमें पूर्व CFO नितिन जौहरी का नाम भी शामिल है। SFIO का कहना है कि आरोपियों ने भूषण स्टील और भूषण एनर्जी से बड़ी मात्रा में फंड को अलग-अलग कंपनियों और कामों में इस्तेमाल किया। इसमें चल और अचल संपत्ति की खरीद भी शामिल है।
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच में खुलासा हुआ है कि यह फंड करीब 157 कंपनियों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया। इन 157 कंपनियों में से 62 कंपनियां खुद ब्रज भूषण सिंघल और नीरज सिंघल द्वारा संचालित की जा रहीं थी, वहीं 85 अन्य कंपनियां भूषण स्टील और भूषण एनर्जी के कर्मचारियों द्वारा संचालित की जा रहीं थी। 8 कंपनियां ऐसी भी हैं, जिन्हें सिंघल की तरफ से एंट्री ऑपरेटर्स द्वारा संचालित किया जा रहा था।
SFIO की जांच में सामने आया है कि कंपनियों के इस जाल द्वारा फंड को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजने के कारण ही भूषण स्टील की आर्थिक हालत बिगड़ी और कंपनी पर 56,000 करोड़ की देनदारी हो गई और आखिरकार कंपनी को दिवालिया घोषित करना पड़ा। बता दें कि भूषण स्टील को बीते दिनों टाटा स्टील ने 47,500 करोड़ रुपए में अधिग्रहित कर लिया है।
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि फंड प्राप्त करने के लिए गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही ब्रज भूषण सिंघल और नीरज सिंघल ने बैंकर्स, ऑडिटर्स और कंपनी के स्टाफ की मदद से यह घोटाला किया। SFIO की रिपोर्ट में कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, ऑडिट कमेटी समेत कई महत्वपूर्ण अधिकारियों पर भी आरोप लगाए गए हैं।
बता दें कि अभी इस केस की सुनवाई विशेष अदालत में चल रही है। जहां ब्रज भूषण सिंघल और नीरज सिंघल समेत अन्य आरोपियों की तरफ से RRG & Associates Law Firm केस लड़ रही है।

