बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सका और 29 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। मुख्य रूप से दूरसंचार शेयरों की बिकवाली से बाजार में गिरावट आई। रिलायंस जियो के मुफ्त में वॉयस कॉल तथा सस्ते डाटा शुल्क की घोषणा के बाद दूरसंचार कंपनियों के शेयर दबाव में रहे। शुरुआती कारोबार में ऐसा लगा कि निवेशक जीडीपी वृद्धि दर धीमी होने तथा बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर हल्की होने के बाद थोड़ा सतर्क हैं। पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह तिमाही में सबसे कम रही। ये आंकड़ें बुधवार (31 अगस्त) को आए। वैसे ज्यादातर निवेशकों ने शुक्रवार (2 सितंबर) को अमेरिका में रोजगार के आंकड़े आने से पहले देखो और इंतजार करो की नीति अपनाने को तरजीह दी। रोजगार के आंकड़े से ब्याज दर में वृद्धि के बारे में फेडरल रिजर्व के रुख का पता चलेगा।

संस्थागत तथा खुदरा निवेशकों की लिवाली से सेंसेक्स मजबूत होकर 28,459.09 अंक पर खुला और एक समय 28,548.85 अंक तक चला गया। लेकिन बाद में इसमें गिरावट आई और यह 28,2386.61 अंक तक चला गया। अंत में यह 28.69 अंक या 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 28,423.48 अंक पर बंद हुआ। पचास शेयरों वाला नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 11.55 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,774.65 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 8,813.25 से 8,759.95 अंक के दायरे में रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई घोषणाएं की जिसमें मुफ्त वॉयस कालिंग तथा डाटा के लिए सस्ती दर शामिल हैं। इससे दूरसंचार कंपनियों के शेयर दबाव में रहे। सेंसेक्स के शेयरों में सबसे अधिक प्रभावित भारती एयरटेल हुई। कंपनी का शेयर 6.37 प्रतिशत घटकर 310.70 रुपए पर पहुंच गया। आइडिया सेल्यूलर 10.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83.70 पर आ गया जो बीएसई में 52 सप्ताह का न्यूनतम स्तर है।

हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर भी 2.73 प्रतिशत गिरकर 1,029.15 रुपए पर पहुंच गया। जियोजीत बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहा। दूरसंचार कंपनियां सर्वाधिक प्रभावित हुई। उसके बाद सीमेंट कंपनियों का स्थान रहा। रिलायंस जियो पेश किये जाने से दूरसंचार कंपनियों पर असर रहा जबकि प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले से सीमेंट कंपनियां दबाव में रहीं।’ उन्होंने कहा कि जीडीपी तथा बुनियादी उद्योगों में हल्की वृद्धि के बाद मुनाफावसूली देखने को मिली।
बुधवार (31 अगस्त) को जारी आंकड़े के अनुसार जीडीपी वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही जो छह तिमाहियों में सबसे कम है। वहीं आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में 3.2 प्रतिशत रही जो इस साल जून में 5.2 प्रतिशत थी।

प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा एसीसी और बिनानी समेत 11 सीमेंट कंपनियों पर साठगांठ को लेकर 6,700 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाये जाने से इन कंपनियों के शेयर नीचे आए। वहीं दूसरी तरफ टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज आटो तथा मारुति सुजुकी 1.15 प्रतिशत तक मजबूत हुए। मासिक बिक्री आंकड़ा अच्छा रहने से वाहन कंपनियों के शेयर चमक में रहे। लाभ में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में गेल (2.08 प्रतिशत), कोल इंडिया (1.32 प्रतिशत), आईसीआईसीआई बैंक (1.24 प्रतिशत), ल्यूपिन (1.21 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (1.15 प्रतिशत), एचडीएफसी (1.12 प्रतिशत) तथा महिंद्र एंड महिंद्र (0.97 प्रतिशत) शामिल हैं।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 लाभ में जबकि 13 नुकसान में रहे। पावर ग्रिड में कोई बदलाव नहीं हुआ। नुकसान में रहने वाले शेयरों में अडाणी पोर्ट (1.43 प्रतिशत), विप्रो (1.33 प्रतिशत), एचडीएफसी बैंक (0.81 प्रतिशत), सन फार्मा (0.55 प्रतिशत) हीरो मोटो कार्प (0.44 प्रतिशत) तथा एल एंड टी (0.41 प्रतिशत) शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। जापान का बाजार 0.23 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.81 प्रतिशत मजबूत हुए जबकि शंघाई 0.72 प्रतिशत तथा सिंगापुर 0.15 प्रतिशत नीचे आए। हालांकि शुरुआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में तेजी रही।


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