SEBI Probes Adani Link Investors: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों को लेरकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सेबी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने भी सेबी से अपना पक्ष रखने को कहा है। बता दें कि द इंडियन एक्सप्रेस ने रॉयटर्स के हवाले से लिखा है कि सेबी की जांच अडानी एंटरप्राइजेज के कुछ दिनों पहले रद्द किए जा चुके एफपीओ (FPO) के दो एंकर इनवेस्टर्स से जुड़ी है।
गौरतलब है कि इन मामलों की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारतीय प्रतिभूति कानूनों के किसी भी संभावित उल्लंघन या शेयर बिक्री प्रक्रिया में किसी भी तरह के हितों के टकराव की जांच कर रहा है। मार्केट रेगुलेटर अपनी जांच में पता लगाएगा कि एफपीओ के दो एंकर इनवेस्टर, ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मत लिमिटेड के अडानी ग्रुप के संस्थापकों से किस तरह के रिश्ते हैं? ये दोनों ही एंकर इनवेस्टर मॉरीशस में बेस्ड हैं।
मालूम हो कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में अडानी एंटरप्राइजेज का 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ खुला था। हालांकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद इसे पूरी तरह सब्सक्राइब होने के बाद भी वापस ले लिया गया। बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को सामने आई थी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप की सात कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। वहीं शुक्रवार को भी अडानी की कंपनियों के शेयर्स में काफी गिरावट देखी गई।
बता दें कि रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि सेबी के संपर्क में केंद्र सरकार का कॉरपोरेट मंत्रालय भी है, और उसने मामले में प्रधानमंत्री मोदी के ऑफिस के अधिकारियों को भी ब्रीफ किया है। रॉयटर्स के मुताबिक उनके बीच क्या बातचीत हुई इसका जानकारी उसके पास नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा:
वहीं अडानी विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र होना चाहिए। इसके साथ ही न्यायालय ने अडाणी समूह के शेयर मूल्य के कृत्रिम तौर पर गिरने और निवेशकों के शोषण का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर केंद्र और बाजार नियामक सेबी से अपना पक्ष रखने को कहा।