भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकृत दफ्तरों के बाहर पुराने पांच सौ और हजार का नोट बदलने के लिए लोगों की लंबी कतारें और लोगों में अफरा-तफरी दिख रही है। नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए निवासियों को पुराने नोट बदलने की यह सुविधा शुक्रवार को बंद हो रही है। समय सीमा खत्म होने की तारीख नजदीक आने के साथ नोट बदलवाने वाले लोगों में काफी बेचैनी दिख रही है। राजधानी में रिजर्व बैंक के दफ्तर के बाहर रात से ही लोग कतार लगाकर खड़े रहते हैंं ताकि अगले दिन सुबह वह कतार में आगे रह कर जल्दी नोट बदलवा सकें। रिजर्व बैंक ने नवंबर-दिसंबर, 2016 के दौरान देश से बाहर गए नागरिकों को पुराने नोट बदलने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है। वहीं प्रवासी भारतीय 30 जून तक पुराने नोट बदल सकेंगे। यह सुविधा रिजर्व बैंक के मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और नागपुर कार्यालयों पर ही उपलब्ध है। किसी वजह से अपने पास मौजूद पुराने नोटों को बदल पाने में विफल रहे लोग इन्हें बदलने का अंतिम प्रयास कर रहे हैं।

अमेरिका में रहने वाले प्रवासी निखिल कपूर ने कहा कि मैं भारत थोड़े समय के लिए आया हूं। मैं पहले दिन ही यह काम निपटाना चाहता था, इसलिए हवाई अड्डे से सीधे रिजर्व बैंक कार्यालय आ गया। कपूर ने कहा कि जितनी लंबी लाइन लगी है उसे देखते हुए एक दिन में नोट बदलना संभव नहीं दिखता। दुबई में काम करने वाले रामकुमार ने कहा कि हवाई अड्डे पर रेड चैनल प्रक्रिया के बारे में कोई सूचना नहीं है और मुझे सीमा शुल्क प्रमाणपत्र नहीं लगा। छह घंटे तक लाइन में लगने के बाद मुझे लौटा दिया गया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को दस्तावेजों की जांच की व्यवस्था करनी चाहिए थी जिससे उन लोगों को पहले ही लाइन से हटाया जा सके जिनके पास समुचित दस्तावेज नहीं हैं। नाराज कुमार ने कहा- यह कालाधन नहीं है।  यह मेरी मेहनत की कमाई है। सरकार बेवजह परेशान कर रही है।

दिल्ली में रिजर्व बैंक के गेट के बाहर खड़ी दो महिलाआें उषा (65) और सुमित्रा (80) ने धमकी भरे स्वर में कहा कि अगर उनके पुराने नोट नहीं बदले गए तो वह आत्महत्या कर लेंगी। उषा ने कहा- मुझे कपड़ों में 41,500 रुपए मिले। रिजर्व बैंक के अधिकारी कह रहे हैं कि वे सिर्फ प्रवासी के नोट बदलेंगे। वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा था कि ऐसे लोग जो नोट बदलने के पात्र नहीं हैं, वे रिजर्व बैंक के बाहर लंबी कतारों के लिए जिम्मेदार हैं।