उच्चतम न्यायालय ने पत्रकार उपेन्द्र राय की गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप करने से आज इंकार कर दिया। अदालत ने राय को तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। राय को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने संदिग्ध वित्तीय लेन देन में कथित संलिप्तता के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि वह गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। पीठ ने कहा कि संरक्षण के लिये राय के आवेदन का उन्होंने अवलोकन नहीं किया है। जांच ब्यूरो ने दिल्ली स्थित पत्रकार उपेन्द्र राय को संदिग्ध वित्तीय लेन देन में उनकी कथित संलिप्तता और गलत जानकारी देकर नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो से पास हवाई अड्डे के लिये एक पास हासिल करने के आरोप में कल गिरफ्तार किया था।

राय का दावा है कि इस मामले में उन्हें फंसाया गया है क्योंकि वह प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी , जो टू जी स्पेक्ट्रम आबंटन मामले की जांच करने वाले दल का हिस्सा था , के खिलाफ लगातार लिख रहे थे। उपेन्द्र राय को आज निचली अदालत में पेश किया जायेगा।  जांच एजेन्सी के एक अधिकारी ने कल बताया था कि राय को गिरफ्तार करने से पहले जांच ब्यूरो ने अपने मुख्यालय में दो अन्य लोगों के साथ पूरे दिन पूछताछ की थी।

उन्होंने यह भी बताया था कि इस मामले में एयर वन एविएशन प्रा लि के मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रसून राय के खिलाफ भी जांच एजेन्सी ने मामला दर्ज किया है। जांच एजेन्सी ने लखनऊ , नोएडा , दिल्ली और मुंबई में आठ ठिकानों पर तलाशी भी ली थी। जांच एजेन्सी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि 2017 में एक लाख रूपए से अधिक मूल्य के लेन देन को देखते हुये राय के खाते में 79 करोड़ रूपए आये और उसी दौरान 78.51 करोड़ रूपए डेबिट किये गये।