SBI green car loan scheme: विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर भारत की सबसे बड़ी कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एक क्लीनर और हरित योजना पेश किया है। एसबीआई ने अपना पहला ग्रीन कार लोन योजना लॉन्च किया है। बैंक की योजना इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। इस उद्देशय से एसबीआई मौजूदा योजनाओं की तुलना में कम ब्याज दरों वाले कार लोन की पेशकश कर रहा है। एसबीआई ग्रीन कार लोन (इलेक्ट्रिक वाहन) स्कीम में पूरी रकम को चुकता करने के लिए 8 वर्षों तक का समय दिया जा रहा है। लॉन्च के पहले छह महीने तक इस योजना के तहत लोन लेने वालों को जीरो प्रोसेसिंग फीस की पेशकश की गई है। यहां तक की मौजूदा कार लोन की तुलना में ईएमआई भी सस्ता है।
एसबीआई ने खुलासा किया है कि नए योजना के तहत इलेक्ट्रिक कार लोन पर लेने वालों को 96 महीनों के लिए प्रत्येक माह 1,468 रुपये ईएमआई देने होंगे। वहीं, यदि मौजूदा स्कीम की बात करें तो अभी 84 महीनों के लिए प्रत्येक माह 1,622 रुपये देने पड़ते हैं।
दूसरी बात ये है कि एसबीआई ग्रीन कार लोन ब्याज दर 20 आधार बिंदुओं से कम है। योजना लॉन्च होने के पहले 6 महीने के अंदर लोन लेने पर प्रोसेसिंग फीस की भी छूट दी जा रही है। इसका मतलब ये है कि यदि आप छह महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक वाहन के लिए लोन लेते हैं तो आपके ट्रांजेक्शन की कीमत में प्रोसेसिंग फीस नहीं जुड़ेगा। हालांकि, छह महीने बाद इसके लिए थोड़ा चार्ज लिया जाएगा।
एसबीआई का यह कदम सरकार के उस एजेंडे को बढ़ावा देगा जिसमें भारत की सड़कों को पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों से मुक्त करना है। भारत सरकार को यह उम्मीद है कि 2030 तक देश की सड़कों पर 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन दिखेंगे। एसबीआई ने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर 100% माइग्रेशन की घोषणा की है।
एसबीआई दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के रोल-आउट को बढ़ावा देने के लिए जलवायु समूह की ईवी 100 पहल में शामिल होने वाला विप्रो के साथ पहला प्रमुख भारतीय संगठन बन गया। इस कदम पर एसबीआई के एमडी (R&DB) पीके गुप्ता कहते हैं, “हम ग्रीन कार लोन योजना को लेकर काफी प्रसन्न हैं। इन दिनों पर्यावरण को दूषित करने में कार एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है। हमें विश्वास है कि एसबीआई ग्रीन कार लोन (इलेक्ट्रिक वाहन) योजना ऑटो लोन सेगमेंट में एक महत्वपूर्ण बदलाव का वाहक होगा और ग्राहकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को प्रोत्साहित करेगा। इससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा ही, कार्बन का उत्सर्जन भी कम होगा।”
