मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी पुणे के व्‍यापारी हसन अली खान ने कहा कि अगर उनके घर को सीज कर दिया गया तो वे बेघर हो जाएंगे। उनकी यह टिप्‍पणी प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की ओर से उनके घर को अटैच करने के नोटिस पर आई है। हसन अली ने कहा, ”यदि मेरा घर अटैच कर लेता है तो मैं बेघर हो जाऊंगा। परिवार और दोस्‍त मेरा बायकॉट कर चुके हैं और बैंक अकाउंट पिछले 10 साल से सीज हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो मैं बीमारी से मर जाऊंगा।”

62 वर्षीय हसन को 2007 में 8 बिलियन डॉलर के मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था और उन्‍हें भारत का सबसे बड़ा मनी लॉन्‍डरर कहा गया था। 2001-02 से 2007-08 के बीच उनकी कमार्इ 1.10 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी और उन पर 34 हजार करोड़ रुपये बकाए बताए थे। उन पर सऊदी अरब के व्‍यापारी और अंतरराष्‍ट्रीय हथियार विक्रेता अदनान खाशोगी से संबंध रखने का आरोप भी था। सालों तक चले मामले के बाद ईडी और इनकम टैक्‍स विभाग के दोनों आरोप गिरते गए। 2013 में इंडियन एक्‍सप्रेस ने रिपोर्ट दी थी कि किस तरह से ईडी का 8 बिलियन डॉलर का दावा 93 मिलियन डॉलर पर आ गया। इस साल अप्रैल में रिपोर्ट दी थी कि उनका बकाया टैक्‍स पहले के दावे से 11000 गुना कम यानि केवल 3 करोड़ रुपये है।

हसन अली साढ़े चार साल तक जेल में रहने के बाद पिछले साल के अंत में रिहा हो गए थे। उनके वकील प्रशांत पाटिल के अनुसार हाल ही में उन्‍हें ईडी का कोरेगांव पार्क स्थित हसन अली के मकान का पजेशन का नोटिस मिला। हसन अली ने कहा, ”मैं गंभीर बीमारी से जूझ रहा हूं। यदि ईडी मेरे घर का अधिकार ले लेगा तो मैं कहां जाऊंगा। मैं पत्‍नी और बेटे के साथ रोड पर आ जाऊंगा। उनका पहला छापा 2007 में पड़ा था और आज तक मेरे खिलाफ एक भी केस साबित नहीं कर पाए। इस तरह की प्रताड़ना से हो सकता है मैं बीमारी से मर जाऊं। इन मामलों से मैं तनाव से गुजर रहा हूं। क्‍या उनके हिसाब से यही न्‍याय है। फ्री और फेयर ट्रायल मेराअधिकार है। मेरे परिवार और समाज ने मेरा बहिष्‍कार कर दिया”