लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया कुछ हफ्तों बाद शुरू होने जा रही है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए लाभ के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। सरकार ने ऐलान किया है कि जो कर्मचारी एक नवंबर, 2005 से सर्विस में आए हैं उन कर्मचारियों के लिए एक संशोधित राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की जा रही है। राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में एक बयान देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि फैसले के अनुसार यदि कर्मचारी संशोधित पेंशन योजना का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें अपने अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन और महंगाई भत्ते के रूप में मिलेगा इस राशि का 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन और महंगाई भत्ते के रूप में मिलेगा।
सरकार ने कराया था पुरानी और नई पेंशन योजना का एनालिसिस
राज्य में एनपीएस एक अप्रैल 2015 से लागू की जा रही है। राज्य में 13.45 लाख कर्मचारी हैं और उनमें से 8.27 लाख पर एनपीएस लागू है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना और एनपीएस का तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए मार्च, 2023 में एक समिति का गठन किया था। समिति ने एक नवंबर, 2005 और उसके बाद सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों के लिए स्थायी वित्तीय राहत प्रदान करने के उपायों पर विचार किया।
17,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी होगा
इसके अलावा सरकार शिक्षक और पुलिस भर्ती में मराठा आरक्षण लागू करने जा रही है। सरकारी शिक्षकों की भर्ती में 10 फीसदी मराठा कोटा लागू किया जाएगा। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि 17,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती के लिए सरकार एक विज्ञापन जारी करने जा रही है। इसके साथ 10 फीसदी मराठा आरक्षण लागू किया जाएगा।
इससे पहले हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्यों ने मराठा आरक्षण बिल को मंजूरी दी थी। सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% मराठा आरक्षण के विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी। विधानसभा के विशेष सत्र में इस मुद्दे को पास कराया गया था।
सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया था कि उनकी सरकार अन्य समुदायों के आरक्षण में किसी भी तरह का बदलाव किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देगी। इसको लेकर लंबे समय से आंदोल कर रहे जारंगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा था। महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सरकार को दी गई सिफारिशों पर विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा हुई और बिल को एक राय से पास कर दिया गया है।