देश की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) अप्रैल के महीने में आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई। खुदरा महंगाई दर को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से मापा जाता है। सरकार (सांख्यिकी मंत्रालय) की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) 7.79 फीसदी रहा। खाने पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों और महंगे ईंधन के चलते खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आठ साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है। सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में खदुरा महंगाई दर 6.95 प्रतिशत थी।
इससे पहले 7 फीसदी से ज्यादा खुदरा महंगाई दर सितंबर 2020 में 7.34 फीसदी रहा था। सांख्यिकी मंत्रालय (MoSPI) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में कारखानों के उत्पादन, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में मार्च में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई।
यह लगातार चौथा महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तय किए अपर लिमिट 6 फीसदी से बहुत ज्यादा है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को अनिवार्य रूप से मार्च 2026 तक खुदरा महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए कहा है। पिछले हफ्ते अचानक सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने एक ऑफ-साइकिल मीटिंग की, जहां उसने रेपो दर को 40 बेसिक पॉइंट्स से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत और कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 50 बेसिक पॉइंट्स से बढ़ाकर 4.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की।
खाद्य पदार्थों के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी: खाद्य पदार्थों में बढ़ोतरी तेल और वसा की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण है, जो कि अप्रैल में सालाना 17.28 प्रतिशत तक बढ़ गयी। इसके अलावा सब्जियों की कीमतों में 15.41 प्रतिशत, मसालों में 10.56 प्रतिशत और मांस-मछली की कीमतों में 6.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। रेडीमेड फूड, नाश्ता, मिठाई में पिछले महीने 7.10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, अनाज और उत्पादों में 5.96 प्रतिशत और दूध और उत्पादों में 5.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
खाद्य और पेय पदार्थों के अलावा, ईंधन में 10.80 प्रतिशत, कपड़े और जूते में 9.85 प्रतिशत और पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों में 2.70 प्रतिशत की तेजी आई। MoSPI के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का औद्योगिक उत्पादन (IIP) मार्च के महीने में सालाना आधार पर 1.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 148.3 हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2021 में IIP 24.2 प्रतिशत बढ़ा था।
आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) या खाद्य पदार्थों में महंगाई दर भी अप्रैल के दौरान बढ़कर 8.38 प्रतिशत हो गई, जो कि मार्च में 7.68 प्रतिशत थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो में बढ़ोतरी का मकसद यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर पैदा हुई वैश्विक अशांति के कारण बढ़ी मुद्रास्फीति पर लगाम लगाना है।