Reliance Jio: मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो में 5000 कर्मचारियों की छंटनी की गई है। कंपनी ने इतने बड़े स्तर पर छंटनी कॉस्ट कटिंग के तहत की है। कंपनी ने जनवरी-मार्च में कामकाजी मुनाफे (ऑपरेटिंग मार्जिन) में कमी आने के बाद इसमें सुधार लाने के लिए यह फैसला लिया है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक खबर में इस बात की पुष्टि की गई है।
हालांकि कंपनी ने इस बात से इनकार किया है। जियो के प्रवक्ता ने बताया कि ‘रिलयांस जियो लगातार बाजार में नेट रिक्रूटर बनी हुई है। हमारी कंपनी विभिन्न परियोजनाओं के लिए अलग-अलग कंपनियों के साथ अनुबंध पर काम करती हैं। और यह कंपनियां तय अवधि वाले कर्मचारियों को नियुक्त करती है। हम लगातार लोगों की भर्ती करते हैं। लेकिन कॉस्ट कटिंग के तहत कर्मचारियों की छंटनी करने वाली बात सही नहीं।
हालांकि मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनी ने अबतक 5000 लोगों को बाहर का रास्त दिखा दिया है जिनमें से 500-600 स्थायी कर्मचारी थे जबकि बाकी लोग अनुबंध पर थे। हालांकि इसे स्वतंत्र रूप से स्तायापित नहीं किया जा सका है।
एक शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कंपनी में मैनेजर पदों पर नियुक्त लोगों से कहा गया है कि उन्हें अपनी टीम के लोगों की छंटनी करनी है। इसमें एडमिनिस्ट्रेशन, स्पलाइ चेन, वित्तीय विभाग और एचआर मुख्यतौर पर प्रभावित हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक जियो में 15,000-20,000 कर्मचारी पे-रोल पर नियुक्त हैं। हालांकि कंपनी के साथ ज्यादातर लोग थर्ड पार्टी एंप्लॉय के तहत जुड़े हुए हैं।
ब्रोकरेज हाउस के एक सीनियर टेलेकॉम विश्लेषक ने कहा ‘जियो ने जब मार्केट में एंट्री को तो उन्हें अपनी सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ग्राउंड लेवल पर बड़ी तादाद में लोगों की जरूरत पड़ी। कंपनी ने इन्हें हायर भी किया लेकिन बीते एक-दो साल में कंपनी को उतना मार्जिन नहीं मिल रहा जिनते की उम्मीद की जा रही थी। कंपनी के लिए स्थिर कामकाजी मुनाफा चिंता का विषय बन चुका है।
विशलेषकों का कहना है कि कंपनी का खर्च 7 से 8 प्रतिशत तक बढ़ गया है। टेलिकॉम कंपनियों की इम्पलॉयी पर लागत 5-6 प्रतिशत होती है। कंपनी इसी में कटौती करने के लिए अक्सर कॉस्ट कटिंग का सहारा लेती है। इसमें इम्पलॉयी को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।