रिलायंस जियो के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर आलोचनाओं को खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर कोई डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो ने नि:शुल्क वॉयस कॉल व बहुत कम कीमतों में डेटा की पेशकश के साथ जिस ‘कीमत युद्ध’ की शुरुआत की है वह ‘स्वस्थ प्रतिस्पर्धा’ है जिसका फायदा अंतत: ग्राहकों को ही होगा। एक साक्षात्कार में सिन्हा ने कहा सेल्यूलर कंपनियों के संगठन सीओएआई के इन आरोपों का भी खंडन किया है कि दूरसंचार नियामक ट्राई ‘पूर्वाग्रह से ग्रस्त’ है। सिन्हा ने कहा है,‘कोई वे फैसले दिखाए जिनमें ट्राई ने किसी का पक्ष लिया हो।’
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में पिछले फेरबदल में सिन्हा को रवि शंकर प्रसाद की जगह दूरसंचार मंत्रालय सौंपा गया था। सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल की मंशा ‘डिजिटल खाई‘ को पाटना और इंटरनेट का इस्तेमाल वृद्धि को बलदायक के रूप में इस्तेमाल करने की है। उन्होंने कहा,‘मेरी राय में जब प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की तो मंशा देश में डिजिटल खाई को पाटना थी। अगर कोई बड़े पैमाने पर लोगों को डिजिटल कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है तो एक तरह से वह प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है, तब मुझे कोई आपत्ति नजर नहीं आती।’
उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलांयस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस जियो ने अपनी 4जी सेवाओं की शुरुआत की घोषणा के अगले ही दिन देश भर के अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो भी थी। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी सहित अनेक राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। कांग्रेस द्वारा ‘दोमुंही बातें’ करने की आलोचना करते हुए मंत्री ने कहा,‘कांग्रेस के 10-20 वरिष्ठ नेताओं ने मुझे पत्र लिखकर शिकायत की कि रिलायंस जियो को (अन्य दूरसंचार कंपनियों से) प्वॉइंट ऑफ इंटरकनेक्शन नहीं मिल रहे है और कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए, यह तो दोमुंही बात हुई।’
मंत्री ने हालांकि इस बहस में पड़ने से इनकार किया कि किसी वाणिज्यिक सेवा के प्रचार प्रसार के लिए प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय की अनुमति लेनी होती है या नहीं। उन्होंने कहा,‘अच्छा यही होगा कि आप य सवाल प्रधानमंत्री से पूछें.. कि अनुमति थी या नहीं। मैं इस पर कोई विचार नहीं रख सकता।’ जियो द्वारा शुरू किए गए ‘कीमत युद्ध’ के बारे में उन्होंने कहा,‘इस क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ग्राहकों के लिए अच्छी है, और मंत्री के रूप में मैं मानता हूं कि ग्राहक ही भगवान है।’ रिलायंस जियो व मौजूदा दूरसंचार कंपनियों के बीच इंटरकनेक्शन के मुद्दे पर जारी खींचतान पर उन्होंने कहा,‘शुल्क दर हो या प्वाइंट आफ इंटरकनेक्ट, यह ट्राई (न कि दूरसंचार मंत्रालय) के अधिकार क्षेत्र में आता है।’ ट्राई के खिलाफ पूर्वाग्रह ग्रस्त होने के आरोपों पर मंत्री ने कहा,‘मुझे कोई भी ऐसा फैसला दिखाइए जो कि ट्राई ने (पूर्वाग्रह से) किया हो। किसी भी तरह के तथ्य के बिना ही, किसी के बारे में राय तय करना उचित नहीं है।’