देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी लगातार अलग-अलग तरह के बिजनेस में अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहे हैं। ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स में 620 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ही रिटेल मार्केट में उन्होंने एक नई पहुंच बनाने की कोशिश की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कई कंपनियों की अधिकतम हिस्सेदारी खरीदकर अपना मैनेजमेंट स्थापित कर लिया है, जबकि कुछ कंपनियों में थोड़ी हिस्सेदारी ही खरीदी है और मैनेजमेंट पुराने लोगों के ही हाथ में है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी बीते तीन सालों में करीब 30 कंपनियों में 3.1 अरब डॉलर यानी 23,200 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश कर चुके हैं।

कंपनी की ओर से ये निवेश ऐसी कंपनियों में किए गए हैं, जो रिलायंस के मुख्य कारोबार से कुछ हद तक जुड़ी हुई हैं- जैसे टेलिकॉम, इंटरनेट, रिटेल, डिजिटल, मीडिया, एजुकेशन, केमिकल एवं एनर्जी। यही नहीं मुकेश अंबानी की ओर से की गईं इन डील्स का भी आंकड़ा अलग-अलग है। एक तरफ कंपनी ने Genesis Colors में 50 लाख डॉलर यानी 37.47 करोड़ रुपये का निवेश किया है तो हैथवे जैसी कंपनी में रिलायंस ने 603 मिलियन डॉलर की भारीभरकम पूंजी लगाई है। गोल्डमैन सैक्स के एक विश्लेषण के मुताबिक रिलायंस ने 80 फीसदी निवेश टेक्नोलॉजी, मीडिया और एंटरटेनमेंट के सेक्टर में किया है, जबकि 13 पर्सेंट इन्वेस्टमेंट में रिटेल में किया है और 6 फीसदी के करीब पूंजी एनर्जी सेक्टर में लगाई है।

किस सेक्टर में लगाई कितनी पूंजी: रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेश को अलग-अलग सेक्टर्स के अनुसार देखें तो ग्रुप ने टेलिकॉम और इंटरनेट में 1,742 मिलियन डॉलर की पूंजी लगाई है। इसके अलावा मीडिया और एजुकेशन सेक्टर में 688 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है। रिटेल में 404 मिलियन डॉलर और डिजिटल में समूह ने 111 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है। वहीं केमिकल्स, एनर्जी और मैटेरियल्स में कंपनी ने 187 मिलियन डॉलर की पूंजी लगाई है।

25,000 करोड़ में फ्यूचर ग्रुप खरीदने की तैयारी: रिलायंस की ओर से सबसे ज्यादा 1.7 बिलियन डॉलर की पूंजी टेलिकॉम और इंटरनेट सेक्टर में लगाई गई है। बता दें कि टेलिकॉम और इंटरनेट में बड़े निवेश के बाद रिलायंस अब रिटेल सेक्टर में तेजी से कदम बढ़ा रही है। बिग बाजार, FBB जैसे ब्रांड्स का मालिकाना हक रखने वाले फ्यूचर ग्रुप के अधिग्रहण का प्लान मुकेश अंबानी ने तैयार किया है। इस डील पर बीते करीब एक महीने से चर्चा चल रही है और कभी भी इस पर मुहर लग सकती है। जानकारों के मुताबिक यह डील 25,000 करोड़ रुपये तक में हो सकती है। साफ है कि मुकेश अंबानी ने जितना 30 कंपनियों को मिलाकर निवेश किया है, उतना वह सिर्फ रिटेल सेक्टर की इस बड़ी डील में लगा सकते हैं।