रिलायंस कम्यूनिकेशन के मालिक अनिल अंबानी 49 हजार का कर्ज चुकाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद परेशानी यह है कि अंबानी यदि RCom की संपत्तियों को बेचते हैं तो उन्हें सिर्फ 10 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में वह अपने कुल कर्ज की 20 फीसदी रकम ही चुका पाएंगे।

इसमें भी मुश्किल यह है कि यदि अनिल अंबानी रिलायंस कम्यूनिकेशन की संपत्तियों को बेचने में देरी करेंगे तो इस बिक्री से मिलने वाली रकम पहले की तुलना में और कम हो जाएगी। ईटी की खबर के अनुसार इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि यदि दिवाला प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी हो जाती है तो रिलायंस कम्यूनिकेशन और इसकी दो यूनिट जिसमें स्पेक्ट्रम और टॉवर्स शामिल हैं, की बिक्री से 9000 से 10 हजार करोड़ की राशि मिल सकती है।

खबर के अनुसार मामले से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि टेलीकॉम संपत्तियों विशेषकर स्पेक्ट्रम की कीमत समय बीतने के साथ कम होती जाएगी। साथ ही सफल बिक्री के लिए सभी तरह की मंजूरी की आवश्यकता होगी। मालूम हो कि वर्तमान में रिलायंस कम्यूनकेशन और इसकी दो यूनिट रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम की दिवाला प्रक्रिया चल रही है।

कंपनी अपनी परिसंपत्तियां जिसमें 850 मेगाहर्ट्ज बैंड के एयरवेव, 43000 टेलीकॉम टॉवर और कुछ फाइबर बेचने का प्रयास कर रही है। 850 मेगाहर्ट्ज बैंड के एयरवेव का प्रयोग देश के 22 टेलीकॉम सर्कल में 14 में 4जी सेवाओं के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। मालूम हो कि रिलायंस कम्यूनिकेशन की परिसंपत्तियों को खरीदने में अभी तक रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने रुचि दिखाई है।

इसके अलावा टावर कंपनियां जिनमें एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्टचर, एसेट केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइजेज लिमिटेड, यूवी एआरसी, टीपीजी एशिया जैसी कंपनियों ने भी संपत्तियों की खरीद में अपनी रुचि दिखाई है। गौरतलब है कि रिलायंस कम्यूनिकेशन पर 53 वित्तीय कर्जदाताओं का करीब 57,382 करोड़ की देनदारी है। इसमें से RCom के रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की तरफ से 49,223.88 करोड़ रुपये के कर्ज की पुष्टि की जा चुकी है।