record-breaking 7.28 crore Income Tax Returns (ITRs) for the fiscal year 2024–25: असेसमेंट 2024-25 के लिए आईटीआर दाखिल करने को लेकर नया रिकॉर्ड बन गया है। आयकर विभाग ने आज (2 अगस्त 2024) को बताया कि 31 जुलाई की डेडलाइ तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं। पिछले साल 6.77 करोड़ आईटीआर (ITR) दाखिल किए गए थे।

विभाग के बयान के मुताबिक, ”आकलन वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से नयी कर व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। वहीं पुरानी कर व्यवस्था में दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है।”

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72 प्रतिशत टैक्सपेयर्स ने अपनाया न्यू टैक्स रिजीम

इस प्रकार, लगभग 72 प्रतिशत करदाताओं ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को चुना है, जबकि 28 प्रतिशत टैक्सपेयर्स पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में बने हुए हैं। वेतनभोगी करदाताओं (Salaried Taxpayers) और अन्य गैर-कर लेखा परीक्षा मामलों के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2024 थी। इस डेडलाइन के अंतिम दिन यानी 31 जुलाई को 69.92 लाख से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए। पहली बार रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 58.57 लाख थी, जो कर आधार के विस्तार का एक अच्छा संकेत है।

ऐतिहासिक रूप से पहली बार आईटीआर (आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-4, आईटीआर-6) को वित्त वर्ष के पहले दिन यानी एक अप्रैल, 2024 को ही विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया था। वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए दाखिल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 45.77 प्रतिशत रिटर्न आईटीआर-1 (3.34 करोड़), 14.93 प्रतिशत आईटीआर-2 (1.09 करोड़), 12.5 प्रतिशत आईटीआर-3 (91.10 लाख), 25.77 प्रतिशत आईटीआर-4 (1.88 करोड़) और 1.03 प्रतिशत आईटीआर-5 से आईटीआर-7 तक (7.48 लाख) हैं।

इसमें से 43.82 प्रतिशत से अधिक आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आईटीआर का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं और बाकी ऑफलाइन आईटीआर का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं। इस दौरान ई-फाइलिंग पोर्टल ने अंतिम समय में रिटर्न दाखिल करने वालों की भारी भीड़ को सफलतापूर्वक संभाल लिया। इससे करदाताओं को आईटीआर दाखिल करने का सहज अनुभव मिला। अकेले 31 जुलाई, 2024 को ही सफल लॉगिन 3.2 करोड़ थे। बयान के मुताबिक, अगर कोई रिफंड जारी होना है, तो आईटीआर का प्रसंस्करण शुरू करने और रिफंड जारी करने के लिए ई-सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।

रिफंड का इंतजार

बता दें कि कि 6.21 करोड़ से अधिक आईटीआर ई-सत्यापित किए जा चुके हैं, जिनमें से 5.81 करोड़ से अधिक आधार-आधारित ओटीपी (93.56 प्रतिशत) के जरिए सत्यापित किए गए। ई-फाइलिंग सहायता दल ने 31 जुलाई तक करदाताओं के लगभग 10.64 लाख सवालों को सुना और उनकी उचित मदद की। बयान में आईटीआर और फॉर्म दाखिल करने में समर्थन के लिए कर पेशेवरों और करदाताओं के प्रति आभार जताते हुए कहा गया कि आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर अपने असत्यापित आईटीआर का सत्यापन कर लें। विभाग ने कहा कि जो करदाता किसी वजह से नियत तिथि के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करने से चूक गए थे, वे इसे जल्द पूरा करें।