रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर रघुराम राजन आज आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की रिव्यू मीटिंग होगी। इन ब्याज दरों में कटौती का तोहफा देंगे या नहीं, इस बात को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। रिजर्व बैंक पर मौद्रिक नीति की आज होने वाली तीसरी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती का दबाव बढ़ रहा है।
आज आरबीआई की मॉनिटरिंग पॉलिसी में सबकी निगाहें नीतिगत दरों पर लगी हुई हैं। गवर्नर द्वारा आज होने वाली घोषणा से जहां एक ओर बैंकर्स को दरों में गिरावट की उम्मीद नहीं है तो वहीं उद्योग जगत दरों में कटौती की मांग कर रहा है। ऐसे में रिटेल महंगाई में बढ़ोतरी को देखते हुए आज के दिन सबकी निगाहें आरबीआई गर्वनर की घोषणाओं पर टिकी हुई हैं।
हालांकि, विशेषज्ञ इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं और उनका कहना है कि रिटेल महंगाई ऊंची बनी हुई है जो कि रिजर्व बैंक को ऐसा करने से रोक सकती है। ज्यादातर बैंकरों और विशेषज्ञों का मानना है कि चार अगस्त को केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती की संभावना कम है क्योंकि फिलहाल रिटेल मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर है। कुछ बैंकों का मानना है कि मुख्य दरों में और कटौती की कुछ गुंजाइश है लेकिन आरबीआई आज यह कटौती करता है अथवा नहीं, यह अभी अटकलबाजी है।
आपको बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति जून में 5.4 प्रतिशत के आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई जबकि इसी माह में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 2.4 प्रतिशत नीचे रही। आरबीआई नीतिगत दर पर फैसला करने के लिए मुख्य तौर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को ध्यान में रखता है। अगली समीक्षा चार अगस्त को होनी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी रंजन धवन ने कहा ‘यथास्थिति बरकरार रहेगी। मुझे नहीं लगता कि पिछली समीक्षा के मुकाबले वृहद्-आर्थिक स्थितियों में कोई खास बदलाव हुए हैं। आरबीआई मॉनसून पर नजर रखे हुए है। ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा है कि मानसून अच्छा है या खराब।’
कुछ बैंकों का मानना है कि मुख्य दरों में और कटौती की कुछ गुंजाइश है। लेकिन केंद्रीय बैंक इस समीक्षा में यह कटौती करता है अथवा नहीं यह अभी अटकलबाजी है। एचडीएफसी बैंक के उप प्रबंध निदेशक परेश सुक्थंकर ने कहा, ‘आरबीआई मंगलवार को क्या करेगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन ब्याज दर में गिरावट का रुझान है। मैं उम्मीद करता हूं कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में 0.25-0.50 प्रतिशत की कटौती करेगा।’
वहीं मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, भारतीय रिजर्व बैंक (फइक) पटरी पर चढ़ती-उतरती इकनॉमी को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके सरप्राइज दे सकता है। मूडीज ऐनालिटिक्स के असोसिएट इकॉनमिस्ट फराज सईद ने सिडनी से इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा, ‘इंडिया में सप्लाई साइड की स्थिति बेहतर है। खरीफ की बड़ी फसलों की बुआई रकबा पिछले साल के मुकाबले 10 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ा है। इसको देखते हुए फूड इनफ्लेशन में कमी आ सकती है।
पिछली नीतिगत समीक्षा में आरबीआई ने दो जून को इस साल लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी ताकि निवेश एवं वृद्धि बढ़ाई जा सके। एचएसबीसी इंडिया की भारतीय कारोबार की प्रमुख नैना लाल किदवई ने कहा, ‘हम 0.25 प्रतिशत और साल के अंत तक 0.5 प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। यदि कटौती होनी है तो जल्दी क्यों नहीं। इससे उद्योग को फायदा होगा और वृद्धि प्रोत्साहित होगी।’ ऐसे में मॉनसून अब तक अच्छा रहा है और कृषि उत्पादों पर इसके असर का इंतजार है।
