RBI MPC Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 9 अप्रैल को नए वित्तीय वर्ष के अपने पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति (bi-monthly monetary policy) फैसले की घोषणा कर दी है। इस साल फरवरी में आयोजित आरबीआई की Monetary Policy Committee (MPC) की पिछली बैठक में, शीर्ष बैंक के रेट-सेटिंग पैनल ने प्रमुख बेंचमार्क दर में 25 बेसिस पॉइन्ट्स (बीपीएस) की कटौती करने का फैसला किया, जिससे यह 6.25% हो गई। उम्मीद के मुताबिक, रेपो रेट में आज एक बार फिर 25bps की कटौती रेपो रेट में कर दी है। आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी मीटिंग में कहा कि रेपो रेट में 25bps की कटौती की जाएगी।
इससे पहले, एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने भविष्यवाणी की थी कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में रेपो रेट में 100 बीपीएस की कटौती करेगा, जिसकी शुरुआत अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में 25 बीपीएस से होगी। केंद्रीय बैंक ने आज फिर से दर में कटौती कर दी है, तो कर्जदार उम्मीद कर सकते हैं कि बैंक देर-सबेर उन्हें दो कटौतियों का लाभ देंगे। हालांकि, अधिकांश ऋणदाताओं ने अभी तक फरवरी में आरबीआई द्वारा की गई 25 बीपीएस दर कटौती का जवाब नहीं दिया है।
पिछले कुछ समय में बैंकों ने रेपो दर में कटौती का लाभ खुदरा उधारकर्ताओं को देने में कुछ झिझक दिखाई है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि ऋणदाता, विशेष रूप से बड़े ऋणदाता, आज होने वाले नीतिगत फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। लेकिन अगर आज आरबीआई की रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक अपनी दरों में लगभग 50 बीपीएस की कटौती करते हैं, तो इससे होम लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी जो पिछले कुछ वर्षों से ऊंची ब्याज दरों का भुगतान कर रहे हैं।
ईएमआई में कितना फर्क पड़ेगा?
अब सोचिए, अगर किसी ने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, जिसकी अवधि 20 साल है और ब्याज दर 9% है, तो उसकी ईएमआई लगभग 44,986 रुपये हो जाती है।
अगर बैंक पूरी 0.50% कटौती पास कर लेता है और ब्याज दर 8.5% पर आ जाती है, तो उसकी नई ईएमआई लगभग 43,391 रुपये होगी। यानी हर महीने 1,595 रुपये की बचत, साल में करीब 19,140 रुपये और पूरे लोन पर 3.8 लाख रुपये से ज्यादा की राहत।
आरबीआई की संभावित दर में कटौती और बैंकों द्वारा होम लोन उधारकर्ताओं के लिए अपनी दरों को कम करने की संभावना पर, Freo के सीईओ और सह-संस्थापक कुणाल वर्मा ने कहा, “हां, होम लोन उधारकर्ता, विशेष रूप से आरबीआई की रेपो दर से जुड़ी फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले लोग, अगर आरबीआई 25 बीपीएस की कटौती करता है, तो वे अपनी ईएमआई में कटौती की उम्मीद कर सकते हैं।”