RBI Monetary Policy Meeting October 2024 Announcements: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। लगातार 10वीं बार ऐसा हुआ है जब आरबीआई ने रपो रेट को बरकार रखा है। रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर ही रखा गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली कमेटी ने एमपीसी मीटिंग के आखिरी दिन यानी आज (9 अक्टूबर) अपने फैसलों की जानकारी दी। यह मीटिंग 7 अक्टूबर से शुरू हुई थी।

RBI की 6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में 5-1 के अनुपात में रेपो रेट में बदलाव ना करने का फैसला लिया गया। यानी 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर ही बरकरार रखने में सहमति जताई।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद मौद्रिक नीति महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में सफल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रुख को बदलकर तटस्थ करने का निर्णय किया। बेहतर मानसून, पर्याप्त बफर स्टॉक की वजह से इस साल आगे खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी। लचीले मौद्रिक नीति ढांचे को आठ साल पूरे हो गए हैं…यह प्रमुख संरचनात्मक सुधार है। महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े अर्थव्यवस्था में मजबूत गतिविधियों के संकेत दे रहे हैं, बुनियाद मजबूत बनी हुई है।’

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10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

जैसा कि हमने बताया की नौ एमपीसी मीटिंग से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 6.5 फीसदी पर स्थिर है। इस बार उम्मीद जताई जा रही थी कि आरबीआई कोई बड़ा फैसला ले सकता है। और इसकी वजह है थी अमेरिका समेत दुनिया को कई देशों ने अपने यहां ब्याज दरों में हाल ही में कटौती का ऐलान किया है। लेकिन आरबीआई ने आखिरकार पहले की तरह ही रेपो रेट में कोई बदलाव ना करते हुए इसे 10वीं 6.5 फीसदी पर कायम रखा है।

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सीधे आपकी EMI पर रेपो रेट का असर

आरबीआई की एमपीसी मीटिंग हर दो महीने में होती है और इसमें आरबीआई गवर्नर समेत 6 सदस्य महंगाई जैसे अन्य मुद्दों और नियमों में बदलाव पर बातचीत और विचार- विमर्श करते हैं। रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक से लोन (Home Loan, Personal Loan, Auto Loan) लेने वाले ग्राहकों से होता है। रेपो रेट कम होने से लोन की EMI घट जाती है और अगर रेपो रेट बढ़ती है तो आपकी ईएमआई बढ़ जाती है यानी आम लोगों को महंगाई का झटका लगता है।