भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव न करने का फैसला लिया है। फिलहाल आरबीआई ने रेपो रेट 4 पर्सेंट ही बनाए रखने की बात कही है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 3.3 पर्सेंट पर ही बना रहेगा। इसके चलते लोन किस्तों में कमी आने की उम्मीद कर रहे कर्जधारकों को झटका लगा है। यही नहीं 6 महीने के लिए दिए गए लोन मोराटोरियम के विस्तार को लेकर भी आरबीआई गवर्नर ने कुछ नहीं कहा है। लोन मोराटोरियम की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो रही है। इसके अलावा आरबीआई ने सोने के एवज में लोन की लिमिट को 90 पर्सेंट तक करने का फैसला लिया है। अब तक सोने की कीमत के 75 फीसदी के बराबर ही कर्ज मिल सकता था।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ के निगेटिव जोन में ही बने रहने का अनुमान है। इसके अलावा पूरे वित्त वर्ष में ही यह स्थिति देखने को मिल सकती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कमजोर है। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। कोरोना वायरस की वजह से इस साल की पहली छमाही में महंगाई दर में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, दूसरी छमाही में इसमें कमी आने की संभावना है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीतियों को लेकर आक्रामक रुख तब तक जारी रहेगा, जब तक इसकी जरूरत होगी। शक्तिकांत दास ने कहा कि हम ग्रोथ में तेजी लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि कोरोना के असर के असर को कम से कम किया जाए। इसके अलावा हमारी नजर महंगाई दर पर भी है। रिजर्व बैंक ने 4 फीसदी का लक्ष्य प्लस-माइनस 2 पर्सेंट का लक्ष्य रखा है। मतलब मैक्सिमम 6 पर्सेंट और मिनिमम 2 पर्सेंट।
सोने के गहनों को गिरवी रखकर अब उनके मूल्य का 90 पर्सेंट तक कर्ज लिया जा सकेगा। रिजर्व बैंक ने लिमिट को 75 फीसदी से बढ़ाकर 90 पर्सेंट करने का फैसला लिया है।
मौद्रिक नीति को लेकर भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि आरबीआई ने सभी मसलों पर फोकस किया है। केंद्रीय बैंक और सरकार वित्तीय सिस्टम को मजबूत करने के लिए सभी तरह के जरूरी प्रयास कर रहे हैं।
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि एनएचबी, नाबार्ड द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने माना है किआपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं बरकरार हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में महंगाई का दबाव बना हुआ है।
वैश्विक आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई है, कोविड-19 मामलों में उछाल ने पुनरुद्धार के शुरुआती संकेतों को कमजोर किया है: आरबीआई गवर्नर
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दबाव झेल रहे एमएसएमई कर्जदारों का ऋण खाता यदि मानक श्रेणी में है तो वह भी कर्ज के पुनर्गठन के पात्र होंगे।
परिवारों पर कोविड- 19 के प्रभाव को कम करने के लिये उन्हें अब सोने के एवज में मूल्य का 90 प्रतिशत तक कर्ज दिया जायेगा, वर्तमान में यह 75 प्रतिशत तक दिया जा रहा है।- शक्तिकांत दास, आरबीआई गवर्नर
इंडियन ओवरसीज बैंक के सीईओ पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता ने कहा कि आरबीआई ने बैंकर्स से लेकर कर्जधारकों तक की उम्मीदों को अपनी नीतियों से राहत देने की कोशिश की है। आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में महंगाई में कमी आती है तो इंटरेस्ट रेट में कमी की जा सकती है।
आर्थिक जानकारों के मुताबिक मंदी के दौर में भी महंगाई दर अधिक होने के चलते आरबीआई ने रेट कट न करने का फैसला लिया है। हालांकि अक्टूबर में इसे लेकर केंद्रीय बैंक विचार कर सकता है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीतियों को लेकर आक्रामक रुख तब तक जारी रहेगा, जब तक इसकी जरूरत होगी। शक्तिकांत दास ने कहा कि हम ग्रोथ में तेजी लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि कोरोना के असर के असर को कम से कम किया जाए।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कमजोर है। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। कोरोना वायरस की वजह से इस साल की पहली छमाही में महंगाई दर में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, दूसरी छमाही में इसमें कमी आने की संभावना है।
केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट भी 3.3 पर्सेंट पर ही बना रहेगा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ के निगेटिव जोन में ही बने रहने का अनुमान है। इसके अलावा पूरे वित्त वर्ष में ही यह स्थिति देखने को मिल सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव न करने का फैसला लिया है। फिलहाल आरबीआई ने रेपो रेट 4 पर्सेंट ही बनाए रखने की बात कही है।