रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस वित्त वर्ष की पहली मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। इस मौके पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इस बार भी ब्याज दरों में कई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी रखा गया है। यह लगातार 11 वीं बैठक है जिसमें ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और मॉनेटरी पॉलिसी का रूख एकोमोडेटिव रखा गया है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाया: केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 की ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। फरवरी में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी जताया गया था। इस पर गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 16.2 फीसदी रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 4 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान है।
महंगाई का अनुमान बढ़ाया: रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। पहली तिमाही में 6.3 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सभी सदस्यों ने एकमत से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कर्ज लेते हैं। बैंकों द्वारा इस कर्ज का उपयोग आगे बैंकों द्वारा लोगों को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, आदि देने के लिए किया जाता है। वर्तमान में आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो रेट 4 प्रतिशत है।
रिवर्स रेपो रेट जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है यह रेपो रेट का बिल्कुल उल्टा होता है रिवर्स रेपो रेट के तहत सभी बैंक अतिरिक्त पूंजी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास जमा कराते हैं।
