RBI Action on Visa-Mastercard: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में Visa-Master Card नेटवर्क पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। केंद्रीय बैंक ने इन बिजनेस कार्ड के जरिए होने वाले ‘unauthorised payments’ (अनाधिकारिक पेमेंट्स) को रोकने का आदेश दिया है। बता दें कि आरबीआई ने कार्ड नेटवर्क का नाम नहीं लिया था लेकिन PTI को दिए एक बयान में Visa India के प्रवक्ता ने 8 फरवरी को एक नोटिस मिलने की बात कही है।

आरबीआई ने अपने आदेश में कहा कि कार्ड नेटवर्क उन कारोबारियों को भी पेमेंट करने की छूट दे रहा है जो कार्ड पेमेंट्स स्वीकार करने के लिए ऑथराइज्ड नहीं हैं। इस तरह से पैसों का लेनदेन The Payment and Settlement Systems (PSS) Act, 2007 का उल्लंघन है। इसके अलावा आरबीआई ने इस तरह के ट्रांजैक्शन में होने वाले Know Your Customer (KYC) नियमों के गैर-अनुपालन के प्रति भी चिंता जाहिर की है। हम आपको बता रहे हैं आरबीआई द्वारा कार्ड नेटवर्क के लिए जारी किए गए आदेश के बारे में विस्तार से…

कार्ड नेटवर्क क्या होता है (What is card network?)

कार्ड नेटवर्क के जरिए बैंक, मर्चेंट और ग्राहक (कार्ड यूजर्स) एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं ताकि ट्रांजैक्शन आसानी से और सुरक्षित तरीके से हो सके। जब भी कोई यूजर कार्ड के जरिए पेमेंट करता है तो कार्ड नेटवर्क बैकग्राउंड में ऑपरेट होता रहता है।

भारत में पांच तरह के ऑथराइज्ड कार्ड नेटवर्क हैं- Visa, Mastercard, RuPay, Diners Club और American Express

बता दें कि आरबीआई ने अपने आदेश में कार्ड नेटवर्क का नाम नहीं लिया है। और कहा है कि देश में सिर्फ एक कार्ड नेटवर्क है जो बिजनेस कार्ड के जरिए मर्चेन्ट्स को अनऑथराइज्ड पेमेंट करने की अनुमति देता है।

कार्ड नेटवर्क पर आखिर अनऑथराइज्ड पेमेंट हो कैसे रही है?

आरबीआई ने अपने बयान में बताया कि उन्होंने ध्यान दिया कि एक कार्ड कंपनी ने ऐसी व्यवस्था बनाई है जिससे कंपनियां अपने कार्ड से ऐसे व्यापारियों को भी भुगतान कर सकती हैं जो कार्ड स्वीकार नहीं करते। यह काम कुछ बिचौलियों की मदद से होता है।

इस तरह, मध्यस्थी संस्था यानी बिचौलिये कंपनियों से उनके व्यावसायिक भुगतान के लिए कार्ड भुगतान स्वीकार कर रही थीं, और फिर उन फंडों को IMPS (Immediate Payment Service), RTGS (Real-Time Gross Settlement) या NEFT (National Electronic Fund Transfer) के जरिए कार्ड स्वीकार ना करने वाले प्राप्तकर्ताओं को ट्रांसफर किया जा रहा था।

आखिर आरबीआई की चिंताएं क्या हैं?

आरबीआई के अनुसार, “गहन जांच” के बाद पता चला कि “यह व्यवस्था एक भुगतान प्रणाली के रूप में योग्य है”। भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम (PSS Act) की धारा 4 के तहत, ऐसी भुगतान प्रणाली के लिए ऑथराइजेशन है, जो इस मामले मेंनहीं हुआ था। आरबीआई ने कहा, “इसलिए इस तरह की गतिविधि गैर कानूनी थी।”

संक्षिप्त में, आरबीआई की मुख्य चिंताएं हैं:
बिना लाइसेंस के भुगतान प्रणाली का संचालन करना।
बड़ी राशि के धन का अनियमित प्रबंधन।
KYC नियमों का पालन नहीं करना, जिससे वित्तीय सुरक्षा और पारदर्शिता खतरे में पड़ती है।

और अब RBI ने क्या फैसला लिया है?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड नेटवर्क को ऐसी सभी व्यवस्थाओं को अगले आदेश तक स्थगित रखने की सलाह दी है। हालांकि, इसने स्पष्ट किया है कि व्यावसायिक क्रेडिट कार्ड के सामान्य उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

हालांकि, RBI ने किसी कार्ड नेटवर्क का नाम नहीं लिया, लेकिन वीज़ा ने एक बयान जारी करते हुए कहा है, “हमें नियामक द्वारा यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी बिजनेस पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (BPSP) लेनदेन को अगली सूचना तक स्थगित रखा जाए। इसलिए, हम सभी BPSP मर्चेंट्स से अनुरोध करते हैं कि खुद को तुरंत Visa के साथ रजिस्टर्ड करें और तब तक सभी लेनदेन निरस्त रहेंगे।”

BPSPs क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके कॉर्पोरेट्स को बिजनेस-टू-बिजनेस पेमेंट सर्विसेज ऑफर करते हैं। इससे कारोबारियों को कैश फ्लो बेहतर करने में मदद मिलती है।

वीज़ा ने यह भी कहा कि “संचार से पहले अधिकृत किसी भी लेनदेन का सामान्य कारोबार के दौरान सेटल्ड कर दियाजाएगा”। और BPSP से कहा, “हमें जल्द से जल्द इस बात की जानकारी दें कि ऐसे व्यापारियों/व्यापारी आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है और लेनदेन बंद हो गया है”।