कूड़ा बीनने वाले गरीब लोगों के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कोरोना काल में मदद की एक नई स्कीम शुरू की है। नई योजना के मुताबिक कूड़ा जमा करने के बदले इन लोगों को मुफ्त राशन और अन्य जरूरी चीजें दी जाएंगी। यह प्रयास नगर निगम ने इसलिए शुरू किया है ताकि इलाके को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जा सके और कूड़ा बीनने वाले लोगों को इसे हटाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। एसडीएमसी कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने पिछले सप्ताह टैगोर गार्डन में ‘Save our planet’ सेंटर का उद्घाटन किया, जहां प्लास्टिक आइटम और गीले कचरे को जरूरत के सामान जैसे साबुन, दाल, चावल आदि से बदला जाएगा। आने वाले कुछ हफ्तों में इस सेंटर पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
राशन की मात्रा कूड़े की मात्रा पर निर्भर होगी। 5 किलो प्लास्टिक के बदले 2 किलो चावल दिए जाएंगे, जबकि 2 किलो प्लास्टिक वेस्ट के बदले सरसों का तेल या 12 लीटर की क्षमता का डस्टबिन दिया जाएगा। इसके अलावा 1 किलो गीले कूड़े के बदले आधा किलो प्राकृतिक खाद और 25 किलो कूड़े के बदले डिटर्जेंट का पैकेट दिया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नोडल ऑफिसर राजीव जैन ने कहा सभी छोटे कूड़ा बीनने वाले अच्छे मूल्यों पर प्लास्टिक नहीं बेच पाते। हम उन्हें आसानी से पड़ोस में कूड़ा बेचने और साथ में राशन लेने का भी विकल्प प्रदान कर रहे हैं।
इसके अलावा राजीव जैन ने कहा कि यह विकल्प आम आदमी को भी स्वच्छ भारत अभियान में अपना योगदान देने का मौका प्रदान कर रहा है। सिग्रीगेटेड वेस्ट के बदले उन्हें मुफ्त में खाद दिया जाएगा। घरों से एकत्रित किए गए गीले कूड़े के लिए टैगोर गार्डन में एक मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा गीले कचरे से खाद बनाने के लिए सिविक एजेंसी ने एक टन प्रतिदिन की क्षमता वाले एरोबिक कंपोस्ट प्लांट की भी नजफगढ़ में स्थापना की है।
इससे पहले कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी। लॉकडाउन की दिक्कतों और कोरोना में गिरती आमदनी के कारण केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन दे रही है। इस योजना के तहत नवंबर तक ग़रीबों को मुफ्त राशन दिया जाएगा।
