अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का ठेका हासिल करने वाली कंपनी लार्सन एंड ट्रुबो ने आईआईटी मद्रास से मदद मांगी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लार्सन एंड ट्रुबो को दी है। लार्सन एंड ट्रुबो ने डिजाइन और मंदिर निर्माण में प्रयोग होने वाली कंक्रीट की गुणवत्ता के लिए आईआईटी मद्रास से मदद मांगी है। ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है हमारा उद्देश्य ऐसे भव्य मंदिर का निर्माण करना है, जो हिंदू आस्था का केंद्र बने और कम से कम 1,000 वर्ष तक मजबूती से खड़ा रहे। इसलिए विशेषज्ञ पहले जमीन के अंदर तक गहरे सिंगल पिलर का निर्माण करेंगे और उसकी मजबूती परखने के बाद आगे के पिलर्स पर काम किया जाएगा। इस काम में लगभग एक महीना लग सकता है।
ट्रस्ट के सदस्यों के मुताबिक मंदिर में लगभग 1200 स्तंभ होंगे, प्रत्येक स्तंभ की जमीन में गहराई 200 फिट होगी। पहले एक स्तंभ की मजबूती और वजन उठाने की क्षमता आंकी जाएगी बाकी स्तंभों के लिए खुदाई का काम 15 अक्टूबर के बाद शुरू होने की उम्मीद है। मंदिर निर्माण को पूर्ण करने के लिए 39 महीने का समय तय किया गया है। जनवरी 2023 तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।
आईआईटी में सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर डॉ मनु संथानम ने कहा कि हाल ही में लार्सन एंड ट्रुबो ने मंदिर की लंबी अवधि के लिए कंक्रीट की गुणवत्ता के बारे में हमसे संपर्क किया था। हम अभी किसी मैथोडोलॉजी पर नहीं पहुंचे हैं। हम से सलाह के लिए संपर्क किया गया है। अभी हमें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने हैं, चीजें अभी प्राथमिक चरण में हैं। फिलहाल हम कंस्ट्रक्शन के संभावित पहलुओं और किस स्पेसिफिक मॉडल का प्रयोग किया जाए, इस पर ध्यान दे रहे हैं।
किसी भी आपदा में नहीं पहुंचेगा नुकसान: संथानम ने आगे कहा कि मंदिर की आयु 1,000 वर्ष से अधिक हो, इसके लिए सतर्कता से मेटेरियल चुना जाएगा। कंक्रीट इस प्रकार डिजाइन की जाएगी कि किसी भी आपदा से मंदिर को हानि न पहुंचे। अयोध्या में जो मिट्टी उपलब्ध है, उसे तो नहीं बदला जा सकता इसलिए मिट्टी और जमीनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमें आगे प्लान करना होगा। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा विभिन्न मापदंड भी पूरे किए जाएं। अगले दो से तीन हफ्तों में हम इस पर काम करना शुरू कर देंगे।
1200 स्तंभों पर बनेगा मंदिर: ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा मंदिर की सुंदरता एवं मजबूती को सुनिश्चित करने के लिए हम विशेषज्ञों द्वारा बताई गई हर प्रक्रिया का पालन करेंगे और इस क्षेत्र के सभी विशेषज्ञों से संपर्क भी किया जाएगा। कामेश्वर चौपाल ने कहा मंदिर निर्माण में 1200 स्तंभों का प्रयोग होगा जिसके लिए लगभग 1,200 गड्ढे खोदे जाएंगे। हर स्तंभ का एक अलग गड्ढा होगा, जिसके बाद पिलर को कंक्रीट से तैयार किया जाएगा। इसके बाद विशेषज्ञ स्तंभ की मजबूती मापेंगे।
जानें, कितना विशाल होगा राम मंदिर: मंदिर के मैप के अनुसार 30 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड होगी और कुल 12879.30 वर्ग मीटर का क्षेत्र कवर किया जाएगा। इसमें 2628.5 वर्ग मीटर पर मंदिर, 7343.50 वर्ग मीटर पर ग्राउंड फ्लोर का कॉरिडोर, 1850.70 वर्ग मीटर में पहली मंजिल का कॉरिडोर और 156.60 वर्ग मीटर का दूसरी मंजिल का कॉरिडोर होगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा पास किए मैप मैप के साथ-साथ ट्रस्ट ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जिला प्रशासन, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, सेफ्टी सेफ्टी और एंटी-अर्थक्वेक संबंधी डिपार्टमेंट से भी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट ले लिए हैं।