रेल सुरक्षा को महत्त्वपूर्ण और गंभीर चिंता वाली बात करार देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि इससे निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत है क्योंकि आतंकवादी रेलवे को आसान निशाना समझते हैं। रेल सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के लिए आयोजित सम्मेलन में प्रभु ने कहा कि रेलवे पर हमले भले ही स्थानीय स्तर पर हों, लेकिन उनका प्रयोजन वैश्विक है। उन्होंने कहा कि मुंबई में ट्रेनों और स्टेशनों पर हमला हो या फिर पेरिस में बार पर, दोनों में मकसद समान था। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवेज (यूआइसी) की ओर से आयोजित सम्मेलन में कई देशों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह रेखांकित करते हुए कि रेलवे सुरक्षा को खतरा सबकी समस्या है, प्रभु ने कहा- आतंकवादी रेलवे को आसान निशाना समझते हैं। सभी की जामा तलाशी संभव नहीं है। यदि लोग भारत को निशाना बनाना चाहते हैं, तो वह रेलवे पर हमला करेंगे। कुछ देश शायद भारत को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के हल के लिए विभिन्न देशों के बीच सूचनाओं, विचारों और सर्वश्रेष्ठ तरीकों को साझा करना जरूरी है।
तरे के आकलन और खुफिया सूचनाएं जुटाने की महत्ता पर बल देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समुचित आकलन के साथ किसी रणनीति पर काम किया जा सकता है। हमें सुरक्षा संबंधी सूचनाएं एकत्र करने की जरूरत है, क्योंकि उससे निपटना महत्त्वपूर्ण है। प्रभु ने कहा कि रेलवे के लिए रक्षा और सुरक्षा दो बड़ी प्राथमिकताओं वाले मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान यात्री अच्छी सेवा के साथ-साथ सुरक्षित यात्रा की भी आशा करते हैं। इसलिए रेलवे के लिए रक्षा और सुरक्षा महत्त्वपूर्ण है। दोनों ही वैश्विक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं। जहां रक्षा रेलवे आॅपरेशन के लिए अंतर्निहित है, वहीं सुरक्षा सही करने की जरूरत है।