पंजाब सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त डीए देने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला राज्य की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से ठीक पहले लिया गया। जानकारी के मुताबिक, यह बढ़ोतरी एक नवंबर से लागू होगी। सरकार इसे दिवाली के तोहफे के रूप में पेश कर रही है, जबकि कर्मचारी संगठनों ने डीए लेने से इनकार कर दिया है।

राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सरकारी कर्मचारियों की मेहनत और लगन को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डीए में इजाफा करने का आदेश दिया है। इस फैसले से सरकारी खजाने पर 480 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि, राज्य सरकार का यह फैसला सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए दिवाली सेलिब्रेशन की तरह है।’’

National Hindi News, 13 October 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक 

वित्त मंत्री ने बताया, ‘‘प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध थी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना चाहती थी कि राज्य की राजकोषीय स्थिति के बावजूद कर्मचारी तय समय पर अपना बकाया हासिल करें।’’

हालांकि, सरकारी कर्मचारियों के संगठन सांझा मुलाजम मंच पंजाब और चंडीगढ़ के संयोजक गुरमेल सिंह सिद्धू ने डीए में इजाफे को काफी कम बताया। उन्होंने कहा कि फिलहाल 27 प्रतिशत डीए पेंडिंग है, लेकिन सरकार ने सिर्फ 3 प्रतिशत डीए जारी किया है। 24 प्रतिशत डीए अब भी बाकी है। यह बहुत कम है। सिद्धू के मुताबिक, डीए इंस्टॉलमेंट जनवरी 2018 से पेंडिंग है, जो 22 महीने की देरी के बाद जारी की गई।

सिद्धू ने कहा कि जुलाई 2018, जनवरी 2019 और जुलाई 2019 के इंस्टॉलमेंट्स अब तक बाकी हैं। ऐसे में सरकार इसे दिवाली बोनांजा कैसे कह सकती है? सांझा मुलाजम मंच ने डीए को नकारते हुए धरना देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को मुकेरियां और 16 अक्टूबर को दाखा में प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि मुकेरियां और दाखा फगवाड़ा और जलालाबाद विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं, जहां 21 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं।