Merger of Public Sector Banks: देश में 1 अप्रैल से अब सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 हो जाएगी। 10 बैंकों के मिलकर 4 हो जाने के बाद यह नया आंकड़ा सामने आएगा। कैनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक मिलकर एक हो जाएंगे, इसके अलावा इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो रहा है। दिग्गज सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ का विलय हो रहा है।
तीन साल में 27 से 12 हो जाएंगे सरकारी बैंक: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होना है। बीते तीन सालों में सरकारी बैंकों का आपस में तेजी से विलय हुआ है। 1 अप्रैल, 2017 से पहले देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 हुआ करती थी। भारतीय स्टेट बैंक में 6 सहायक बैंकों के साथ विलय की इस प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। इसके बाद 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था। फिर आईडीबीआई बैंक को जनवरी 2019 में निजी बैंक घोषित कर दिया गया।
अब रह जाएंगे देश में ये 12 सरकारी बैंक: 1 अप्रैल, 2017 से लेकर 1 अप्रैल, 2020 तक यानी तीन सालों में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 27 से 12 होने वाली है। अब देश में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया रह जाएंगे।
विलय को लेकर क्या है सरकार का प्लान: दरअसल बैंकों के विलय को लेकर सरकार का यह मानना है कि इससे उनकी रिस्क लेने की क्षमता में इजाफा होगा। सरकार के मुताबिक बैंकों में अनुशासन बढ़ेगा, प्रतिस्पर्धा में इजाफा होगा और उनती लोन देने की क्षमता भी बढ़ेगी। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में 10 बैंकों के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी है और 1 अप्रैल से 10 की बजाय 4 बैंक अस्तित्व में रहेंगे।