Bank deposits in India: आमतौर पर सरकारी बैंकों को पैसे की सुरक्षा की गारंटी माना जाता रहा है, लेकिन बीते एक साल के आंकड़े इसके उलट हैं। इंडियनए एक्सप्रेस की ओर से बीती 4 तिमाही के बैंक डिपॉजिट के विश्लेषण के मुताबिक लोगों का रकम जमा करने के मामले में सरकारी के मुकाबले प्राइवेट बैंकों पर भरोसा बढ़ा है। बीते तीन साल में यह ट्रेंड देखने को मिला है कि सरकारी बैंकों के मुकाबले ग्राहकों ने प्राइवेट बैंकों का ज्यादा रुख किया है।

हालांकि 2019 की शुरुआती दो तिमाही में सरकारी बैंकों ने बढ़त कायम की थी, लेकिन जुलाई और अक्टूबर तिमाही में एक बार फिर से पीछे रह गए। आंकड़ों के मुताबिक 2019 की दूसरी छमाही में एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक समेत देश के 8 बड़े प्राइवेट बैंकों में 2.68 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा हुई, जबकि शीर्ष 8 सरकारी बैंकों में 2.58 लाख ही जमा हुए।

अब भी सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी ज्यादा, भरोसा कम: हालांकि पहली छमाही में एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक समेत 8 सरकारी बैंकों ने बड़ी बढ़त बनाई थी। सरकारी बैंकों में 5.25 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा हुई थी, जबकि निजी बैंकों में 2.58 लाख करोड़ ही जमा हुए। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि अब भी सरकारी बैंकों की कुल कारोबार में 70 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन ग्रोथ में निजी बैंक आगे हैं। निजी बैंकों की शाखाएं लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में भी खुल रही हैं। आसान और तेज व्यवस्था होने के चलते लोगों का इन पर भरोसा बढ़ता दिखा है।

इन निजी बैंकों को बनाया गया आधार: रिपोर्ट में जिन निजी बैंकों को शामिल किया गया है, उनमें एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक. बंधन बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल हैं।

इन सरकारी बैंकों को किया गया रिपोर्ट में शामिल: सरकारी बैंकों की बात की जाए तो उनमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शामिल हैं।