किसानों को सालाना 6,000 रुपये की रकम देने वाली पीएम किसान सम्मान निधि योजना में 110 करोड़ रुपये के घोटाला उजागर हुआ है। दरअसल तमिलनाडु में करीब 5 लाख लोग ऐसे थे, जो गलत जानकारियां देकर इस स्कीम का लाभ ले रहे थे। इस पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि ऐसे भी तमाम लोग पाए गए है, जिनके नाम पर रकम ऐंठी जा रही थी, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। दरअसल कुछ अधिकारियों ने कहा था कि सरकार से कोरोना के तहत राहत दी जानी है और यदि वह डिटेल देंगे तो उन्हें यह रकम मिल जाएगी। इस पूरे स्कैम ने एक बार फिर यह बताया है कि आवेदन करने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप लाभ लेने के पात्र हैं या फिर नहीं। आइए जानते हैं, किन लोगों को इस स्कीम के तहत नहीं मिल सकता फायदा…
– इस स्कीम से इंस्टिट्यूशन लैंडहोल्डर्स को बाहर रखा गया है। ऐसे में यदि आप इस दायरे में आते हैं तो आवेदन न करें।
– राज्य एवं केंद्र सरकार के मौजूदा या पूर्व कर्मचारियों को भी इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि चतुर्थ श्रेणी एंप्लॉयज के लिए यह छूट है।
– अच्छी आर्थिक स्थिति वाले नागरिक भी इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते।
– यदि आपके परिवार में कोई सदस्य इनकम टैक्स के दायरे में है तो इस स्कीम का लाभ नहीं लिया जा सकता।
– प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक यदि परिवार में किसी व्यक्ति के पास कोई संवैधानिक पद है तो इस स्कीम का लाभ नहीं मिल सकता।
– भले ही आपके नाम पर कृषि भूमि हो, लेकिन आप डॉक्टर, इंजीनियर या फिर वकील हैं तो इस स्कीम का लाभ नहीं मिल सकता।
– रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी जिनकी पेंशन 10,000 रुपये से अधिक है, उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिल सकता।
– यही नहीं यदि आप अपनी जिस भूमि के नाम पर पीएम किसान स्कीम का लाभ ले रहे हैं, उसमें खेती नहीं करते हैं तो भी इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि पीएम किसान स्कीम के तहत फर्जी दावे करके लाभ लेने वाले लोगों से किस्तों को वापस लिया जाता है। इसके अलावा ऐसा करने पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।