पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों का इन दिनों कई जिलों में वेरिफिकेशन चल रहा है। हर जिले में यह काम 30 अगस्त तक होना है और उसके बाद अपात्र पाए गए लाभार्थियों का सूची से नाम हटा दिया जाएगा। यही नहीं ऐसे लाभार्थियों को अब तक मिली पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्तों को वापस भी करना होगा। यदि लाभार्थी की ओर से रकम वापस नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नियमों के तहत हर साल योजना के 5 फीसदी लाभार्थियों का रेंडम वेरिफिकेशन होना है। ऐसे में यह जरूरी है कि यदि आप इस स्कीम के लाभार्थी हैं तो आपकी ओर से दी गई जानकारी पूरी तरह से सत्य हो।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के मुताबिक भले ही कागजों में आपकी जमीन खेती योग्य भूमि के तौर पर दर्ज हो, लेकिन आप उसका अलग इस्तेमाल करते हैं तो उस भूमि के आधार लाभ के पात्र नहीं हो सकते। इसी तरह यदि किसी परिवार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के अलावा कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में है तो उसे भी इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। परिवार में किसी एक सदस्य के भी टैक्सपेयर होने पर इस स्कीम का लाभ नहीं लिया जा सकता। अकसर गलत जानकारियां देकर भी लोग पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के लिए अपना पंजीकरण करा लेते हैं।

इस समस्या से निजात पाने के लिए ही सरकार ने लाभार्थियों का प्रति वर्ष वेरिफिकेशन कराने का फैसला लिया है। वेरिफिकेशन का यह काम राज्य सरकार की ओर से किया जाता है। इसके बाद नई लिस्ट तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड की जाती है और पंचायतों में भी वह सूची उपलब्ध कराई जाती है। गौरतलब है कि 1 अगस्त से इस स्कीम की छठी किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफऱ की जा रही है। इस बार सबसे ज्यादा करीब 10 करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान स्कीम की रकम ट्रांसफर की जाएगी।