भारत में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम हमेशा चर्चा का विषय रहते हैं, आम आदमी इस महंगाई से त्रस्त भी नजर आता है। लेकिन केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी एक अलग ही तर्क देने का काम कर रहे हैं, उनकी नजर में तो भारत इकलौता ऐसा देश है जहां पर पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुए हैं। अपनी बात को सही साबित करने के लिए केंद्रीय मंत्री की तरफ से एक विस्तृत बयान भी दिया गया है।

पेट्रोल-डीजल पर क्या बोल गए हरदीप?

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत इकलौता देश है जहां पर एक समय सीमा के अंदर पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं। पेट्रोल में अगर 2 फीसदी की गिरावट आई है तो परसेंट भर की तो डीजल में भी दर्ज की गई है। अब सवाल आता है कि हमने ऐसा कैसे किया। पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को कम कर दिया था, दो बार ऐसा ऐलान हुआ। उस ऐलान की वजह से ही सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम हो गई और फिर सभी बीजेपी शासित राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला वैट भी कम कर दिया। आप बस वैट के आंकड़े खंगाल लीजिए, सब साफ हो जाएगा।

क्या-क्या तर्क दिए?

केंद्रीय मंत्री ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस समय ईटानगर और चेन्नई के पेट्रोल के दामों में 9.90 रुपये का अंतर चल रहा है, लखनऊ और तेलंगाना में यह 12.76 है, गांधी और बेंगलुरु में 8.21। यहां साफ कर दूं कि 2004 और 2014 में कांग्रेस पेट्रोल बॉन्ड लेकर आई थी। उन्होंने एक झटके में 1.41 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए थे, आज भी हमे 3.20 लाख करोड़ चुकाने पड़ रहे हैं।

कर्नाटक में क्या हुआ?

अब समझने वाली बात यह है कि पेट्रोल-डीजल का विवाद फिर इसलिए शुरू हो गया है क्योंकि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं। राज्य सरकार ने पेट्रोल पर सेल्स टैक्स 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत कर दिया है, जबकि डीजल पर टैक्स 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.4 प्रतिशत कर दिया गया है। सेल्स टैक्स में वृद्धि का राज्य भर में पेट्रोल और डीजल दोनों की खुदरा कीमतों पर सीधा असर पड़ा है।

कर्नाटक के वित्त विभाग के इस कदम का उद्देश्य राज्य के लिए अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल करना है। हालांकि परिवहन और माल वितरण सहित विभिन्न क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे लागत में वृद्धि हो सकती है।