कोरोना वायरस महामारी के की वजह से आम लोगों को काफी अर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान आम लोगों को मेडिकल इमरजेंसी के लिए रुपयों की जरुरत ज्यादा पड़ी है। ऐसे में एलआईसी आपकी काफी मदद कर सकता है। अगर आपने एलआईसी की कोई पॉलिसी ली हुई है आपको बैंकों और दूसरी एनबीएफसी के मुकाबले कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
आपको एलआईसी से लोन सिर्फ एंडोमेंट प्लान, इनकम प्लान और यूनिट लिंक्ड प्लान के बदले ही लिया सकता है। आप इस लोन को कम से कम 6 महीने के लिए भी ले सकते हैं। और इसका भुगतान पॉलिसी को मैच्योरिटी पिरीयड तक चुकाया जा सकता है। कंपनी की ओर से लोन के बदले आपकी एलआईसी पॉलिसी को सिक्योरिटी के तौर रख लेती है। एलआईसी आपको पॉलिसी के बदले सिर्फ 10.5 प्रतिशत के ब्याज पर लोन देती है जो अन्य संस्थानों के ब्याज दर से बेहद कम है।
एलआईसी पॉलिसी के बदले लोन लेने के लिए एक बात ध्यान रखना काफी जरूरी है कि आपने अपनी पॉलिसी का तीन साल तक प्रीमीयम लगातार भरा हो। वहीं आपकी उम्र 18 या उससे ज्यादा की होना काफी जस्री है। आप अपनी पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू का अधिकतम 90 फीसदी तक लोन ले सकते हैं। अगर आपकी पॉलिसी पेडअप है तो आप सरेंडर वैल्यू के 85 फीसदी तक का ही लोन ले सकते हैं।
आपको अपनी एलआईसी पॉलिसी के बदले मिले लोन का सिर्फ ब्याज चुकाने की सुविधा मिलती है। वहीं लोन के प्रिंसीपल अमाउंट को आप मैच्यूरिटी पीरीयड के बाद मिलने वाली पॉलिसी राशि से चुका सकते हैं। आपको बता दें कि आपकी एलआईसी पॉलिसी मैच्योर होने के बाद आपको मिलने वाली रकम ही सरेंडर वैल्यू या कैश वैल्यू होती है। अगर आप तय समय पर लोन का ब्याज नहीं चुकाते हैं तो ब्याज की रकम प्रिंसीपल अमाउंट में जोड़ दी जाती है। जिसके बाद आपको फिर से इस पूरी रकम पर ब्याज चुकाना पड़ सकता है।
वहीं आप लोन चुकाने में नाकाम रहते हैं तो एलआईसी आपकी बीमा पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट से ये पैसा काट लिया जाता है। अगर आपकी पॉलिसी लोन चुकाने से पहले मैच्योर होती है तो एलआईसी आपके सरेंडर वैल्यू से लोन की रकम काटकर आपको बाकी पैसे वापस कर सकती है।