भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने के शुरुआत में अचानक से रेपो रेट में बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से एक के बाद एक बैंकों द्वारा दरें बढ़ा दी गई हैं, जिसका मतलब है कि आपको लोन पर अधिक ईएमआई भरनी पड़ेगी। कुछ समय पहले तक होम लोन की दरें रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी लेकिन अब अपने घर का सपना पूरा करना भी महंगा हो गया है। हालाकि कुछ ऐसे तरीके हैं, जिससे आप होम लोन की ईएमआई को कम कर सकते हैं।
लोन की अवधि बढ़ा लें
अगर आप बैंक से लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं और चाहते हैं कि आप पर इसका अधिक भार भी न हो तो आपको लोन भरने की अवधि को बढ़ा लेना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि लोग लोन को जल्दी भरने के चक्कर में लोन की अवधि कम करा लेते हैं, जिस कारण से उनपर भार अधिक हो जाता है। हालाकि इस तरीके से ब्याज पर अधिक खर्च होगा। जैसे कि 25 लाख का लोन 6.75 फीसदी की दर पर अगर 20 साल के लिए लिया गया तो 19,009 की ईएमआई बनेगी और 20,62,183 रुपये ब्याज में चुकाने होंगे।
अधिक डाउन पेमेंट
लोन लेने वाले यूजर्स जितना अधिक डाउन पेमेंट करते हैं, उनपर लोन भरने का भार उतना ही कम होता है। क्योंकि अगर आपने लोन अधिक डाउनपेमेंट के साथ लिया है तो शेष राशि पर ही ब्याज लागू होगा और उसी आधार पर आपको ईएमआई भरनी होगी। इससे आपको ब्याज भी कम लगेगा और बिना चिंता के होम लोन की ईएमआई भर सकते हैं। उदाहरण से समझें तो अगर आपने 25 लाख का लोन 6.75 फीसदी की दर पर 20 साल के लिए लिया है तो ईएमआई 19009 रुपये बनेगी और कुल 20,62,183 रुपये ब्याज में चुकाने होंगे, लेकिन अगर आपने दो लाख तक का डाउन पमेंट किया है तो आपकी ईएमआई 23 लाख रुपये पर 17488 रुपये की ईएमआई देनी होगी।
निवेशित पैसे से प्री पेमेंट
अगर आपके पास कोई ऐसी रकम है, जैसे कि आपने पोस्ट ऑफिस या अन्य जगहों पर पैसा का निवेश किया है तो आप उन पैसों को लोन के लिए प्री पेमेंट कर लोन की रकम को कम कर सकते हैं। जिससे आपके लोन की रकम और कम हो जाएगी और ईएमआई भी कम भरना होगा।
होम लोन ट्रांसफर
अगर आपने जिस बैंक से लोन लिया है, उससे सस्ती दर पर किसी अन्य बैंक में कर्ज मिल रहा है तो वहां पर लोन ट्रांसफर करा सकते हैं। इस विकल्प का इस्तेमाल करते समय प्रोसेसिंग फीस इत्यादि की डिटेल्स लेकर वास्तविक फायदे का कैलकुलेशन जरूर कर लेना चाहिए।