पोस्ट ऑफिस की स्कीम में आम लोगों की दि‍लचस्‍पी देखने को मिल रही है। खासकर कोरोना काल में आम निवेशकों ने पोस्‍ट ऑफ‍िस की योजनाओं में निवेश किया है। आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि यूपी के कुंडा विधानसभा के विधायक राजा भैया यानी रघुराज प्रताप सिंह ने भी पोस्ट ऑफिस की एक नहीं बल्कि दो स्कीम्स में निवेश किया हुआ है। जिसमें नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और किसान विकास पत्र शामिल हैं।

राजा भैया और उनके परिवार ने किसान विकास पत्र में 5.20 लाख रुपए का निवेश किया हुआ है। जबकि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में 1.80 लाख रुपए का इंव‍ेस्‍टमेंट किया है। यह पूरी जानकारी राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दी थी। अगर आप भी अपना रुपया सुरक्षित और सरकारी स्कीम में लगाना चाहते हैं तो नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और किसान विकास पत्र में निवेश कर सकते हैं। ये सुरक्षित निवेश है क्योंकि ये पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम का ही हिस्सा है और खुद देश के यूपी के बड़े नेता निवेश करते हैं।

नेशनल सेविंग सर्टिफ‍िकेट के बारे में सबकुछ

  • नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में कम से कम पांच साल तक लॉक-इन पीरिएड होता है।
  • निवेश के पांच साल बाद ही आप इसमें निवेश किया हुआ रुपया निकाल पाएंगे।
  • इस स्‍कीम में निवेश के तीन तरीके जैसे सिंगल टाइप, ज्वाइंट ए टाइप, ज्वाइंट बी टाइप हैं।
  • सिंगल टाइम में आप खुद या किसी माइनर के लिए निवेश करते हैं।
  • ज्वाइंट ए टाइप के सर्टिफिकेट को कोई दो लोग एक साथ मिलकर ले सकते हैं।
  • ज्वाइंट बी टाइप में निवेश तो दो लोग करते हैं लेकिन मेच्योरिटी पर पैसे सिर्फ किसी एक निवेशक को दिए जाते हैं।
  • इस स्‍कीम में आपको मौजूदा समय में 6.80 फीसदी ब्‍याज मिल रहा है।
  • इस स्कीम में न्यूनतम आप 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं और 100 के मल्टीपल में पैसे निवेश कर सकते हैं।
  • अध‍िकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।
  • इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत हर साल 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर टैक्स छूट मिल सकती है।
  • टैक्सेबल इनकम होने पर कुल आय में से राशि काट ली जाती है।

किसान विकास पत्र में किस तरह के मिलते हैं फायदे

  • किसान विकास पत्र भारत सरकार की एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है।
  • इस स्‍कीम में एक तय अवधि में आपका पैसा दोगुना हो जाता है।
  • किसान विकास पत्र का मेच्योरिटी पीरियड अभी 124 महीने है।
  • इस योजना में कम से कम 1000 रुपए का निवेश करना होता है। – इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।
  • किसान विकास पत्र में 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट हैं।
  • सरकार ने इसमें 50,000 रुपए से ज्यादा के निवेश पर पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है।
  • पहचान पत्र के तौर पर आधार भी देना होता है।
  • अगर 10 लाख या इससे ज्यादा निवेश करते हैं तो आपको इनकम प्रूफ भी जमा करना होगा, जिसमें आईटीआर, सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट शामिल हैं।
  • इस निवेश में आपको 7 फीसदी से ज्‍यादा ब्‍याज दिया जाता है।
  • इस स्कीम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती है।
  • इस पर मिलने वाला ब्‍याज टैक्सेबल है, लेकिन मैच्योरिटी के बाद निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
  • मैच्योरिटी पर आप रकम निकाल सकते हैं, लेकिन इसका लॉक -इन पीरियड 30 महीनों का होता है।
  • इससे पहले आप स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते, बशर्ते खाताधारक की मृत्यु हो जाए या कोर्ट का आदेश हो।
  • किसान विकास पत्र को कोलैटरल के तौर या सिक्योरिटी के तौर पर रखकर आप लोन भी ले सकते हैं।

यहां पर किया गया है निवेश
वहीं सरकारी योजनाओं के अलावा प्राइवेट कंपनियों के बांड और शेयर्स में 3.50 करोड़ रुपए से ज्‍यादा का निवेश किया हुआ है। 2017 के एफिडेविट के अनुसार फार्म एसेट्स/इंवेस्‍टमेंट एक करोड़ 64 हजार रुपए का निवेश किया हुआ है। जबकि नॉन प्रॉपर्टी/इंवेस्‍टमेंट 90 फीसदी शेयर्स जिनकी 2.44 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है। पार्टनरश‍िप फार्म 85 फीसदी शेयरों की कीमत 11,52, 890 रुपए का है। कंपनी प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड में 8,13,101 रुपए का निवेश है। कुल 3.64 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है।