देश में पिछले कुछ वर्षों से एफडी (FD) पर ब्याज दरों में लगातार कटौती हो रही है। हाल ये है कि कभी एफडी करके ज्यादा ब्याज हासिल करने वाले ग्राहकों को अब ये घाटे का सौदा हो चला है। कई प्रमुख बैंक आज की तारीख में छह प्रतिशत से नीचे ही एफडी पर ब्याज दे रहे हैं। हालांकि अभी भी कुछ बैंक ऐसे हैं जो छह प्रतिशत या उससे थोड़ा सा ज्यादा ब्याज दे रहे हैं।

ज्यादा ब्याज दर देने वाले बैंकों में इंडसइंड बैंक और आरबीएल बैंक एक साल की एफडी पर छह प्रतिशत की ब्याज दर दे रहे हैं। आरबीएल अपनी तीन और पांच साल की एफडी पर 6.3 प्रतिशत की पेशकश कर रहा है। निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में, एक्सिस बैंक पांच साल के समय के लिए सबसे ज्यादा 5.75 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश कर रहा है।

अगर आरबीएल बैंक में आप 10 हजार रुपये पांच साल के लिए एफडी करते हैं तो बैंक पांच साल बाद 6.30 प्रतिशत की ब्याज दर के हिसाब से कुल 13669 रुपये देती है। वहीं अगर यही रकम आईडीबीआई फर्स्ट बैंक में जमा करते हैं तो छह प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है और पांच साल बाद कुल 13468 रुपये कुछ पैसे निवेशक को मिलते हैं। इसी तरह इंडसइंड बैंक भी छह प्रतिशत के हिसाब से ही पांच साल में पैसे वापस करती है।

सावधि जमा (FD) में निवेश करना हमेशा से निवेशकों के लिए सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक रहा है। कई निवेशक इक्विटी से अधिक बैंक एफडी में पैसा निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि यह मार्केट से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। एफडी पर कितना पैसा मिलेगा और कितने समय में मिलेगा ये निवेश के समय ही पता चल जाता है, जबकि इक्विटी के मामले में ऐसा नहीं है और जोखिम अलग से है।

एफडी में निवेश के लिए न्यूनतम राशि हर बैंक के हिसाब से अलग-अलग होती है। वहीं निवेश के लिए अधिकतम पैसे की कोई लिमिट नहीं है। वहीं अगर समय की बात करें तो इसमें भी बैंकों के अपने -अपने नियम हैं। आमतौर पर एफडी में कम से कम सात दिन और अधिकतम 10 साल के लिए निवेश किया जा सकता है।