आम लोग अपने सेविंग अकाउंट में रुपया रखने से ज्यादा फिक्स्ड डिपॉजिट में ज्यादा जमा कर सकते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि सेविंग अकाउंट से ज्यादा एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलता है। लेकिन ऐसा नहीं है कुछ बैंक ऐसे भी है जो एफडी से ज्यादा सेविंग बैंक अकाउंट रिटर्न देते हैं। इन सेविंग बैंक अकाउंट में 7 या उससे ज्यादा का सालाना रिटर्न मिलता है।
आखिर आज ये सवाल क्यों? इसका कारण है। कुछ दिन पहले आरबीआई की ओर से बैंक एफडी के रूल में परिवर्तन किया है। जिसमें कहा गया है कि अगर मैच्योरिटी के बाद रकम बैंक की ओर से समय पर नहीं दी जाती है या फिर क्लेम नहीं किया जाता है तो बैंक एफडी या सेविंग अकाउंट दोनों में से जो भी कम होगा वो दिया जाएगा। इससे पहले सेविंग अकाउंट का ब्याज दिया जा रहा था। आइए आपको भी उन बैंकों के बारे में बताते हैं तो 7 या उससे ज्यादा का रिटर्न देते हैं।
इन बैंकों में मिलता है सबसे ज्यादा ब्याज : – जन स्मॉल फाइनेंस बैंक में 3.5 फीसदी से 7.3 फीसदी ब्याज मिलता है।
– एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक सेविंग अकाउंट में 3.5 फीसदी से 7 फीसदी तक ब्याज देता है।
– ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक 4 से 7 फीसदी तक का सालाना ब्याज देता है।
– इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक की ओर से 3.5 से 7 फीसदी ब्याज सालाना ब्याज मिलता है।
– उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक में 4 फीसदी से 7 फीसदी ब्याज मिलता है।
सेविंग अकाउंट की खास बातें : सेविंग बैंक अकाउंट सेविंग करने के साथ ट्रांजेक्शन करने के काम आता है। सेविंग अकाउंट तमाम तरह के भुगतान के अलावा सरकारी स्कीमों का फायदा भी ले सकते हैं।
– सेविंग्स अकाउंट से डेबिट कार्ड, चेक और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। मोबाइल ऐप के माध्यम से भी ट्रांजेक्शन हो सकता है। वहीं आप अपने ट्रांजेक्शन की स्टेटमेंट भी हासिल कर सकते हैं।
– प्रत्येक सेविंग अकाउंट अलग-अलग होता है। जिसमें मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा भी अलग होती है। सरकारी बैंकों में मिनिमम बैलेंस की सीमा कम और प्राइवेट बैंकों में ज्यादा होती है। यह ना होने पर चार्ज भी लगता है। वहीं कुछ बैंक ऐसे भी हैं जहां ऐसी कोई बाध्यता नहीं है।
– सेविंग्स अकाउंट रुपए जमा रखने पर आपको ब्याज भी मिलता है जो कि सालाना आधार पर दिया जाता है। कहीं-कहीं यह तिमाही और छमाही आधार है। सभी बैंकों में यह ब्याज दर अलग-अलग देखने को मिलती है।
– सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है। इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार अगर सेविंग्स अकाउंट से मिले ब्याज की रकम 10 हजार रुपये से ज्यादा है तो धारा 80टीटीए के तहत आपको उस पर टैक्स देना होगा।