नए इनकम टैक्स पोर्टल पर 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न भरते टैक्सपेयर्स ने फीस एवं ब्याज वसूला जा रहा है। जबकि डिपार्टमेंट की ओर से आखिरी तारी 30 सितंबर कर दी है। जिसका सोशल मीडिया में काफी विरोध हुआ है। ऐसास इसलिए हुआ है क्योंकि सॉफ्टवेयर को उस हिसाब से अपडेट ही नहीं किया गया है। ऐसे में आयकर विभाग की ओर से बयान आ गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर साफ कर दिया है कि अगर 2020-21 का रिटर्न भरते समय सॉफ्टवेयर की वजह से अधिक ब्याज वसूला गया है तो उसे विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स को वापस किया जाएगा। आयकर विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स को बडी राहत दी गई है। आइए आपको भी बताते हैं कि विभाग की ओर से किस तरह की जानकारी दी है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से ट्विटर बयान देते हुए कहा है कि यदि इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय टैक्सपेयर्स ज्यादा फीस या ब्याज वसूल हुआ है तो उसे विभाग की ओर लौटा दिया जाएगा। आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से टैक्सपेयर्स को विभाग की ही ओर राहत दी गई थी कि 2020-21 का रिटर्न 30 सितंबर, 2021 भरा जा सकता है। जिसकी पहले तारीख 31 जुलाई तय की गई थी। 31 जुलाई के बाद जिन लोगों के द्वारा पोर्टल के माध्यम से रिटर्न भरा उनसे एक्स्ट्रा ब्याज और लेट फीस वसूला गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया है कि आयककर अधिनियम के सेक्शन 234ए के तहत ब्याज की गलत गणना और सेक्शन 234एफ के तहत लेट फीस से संबंधित खामियों को दूर करने के लिए पहले ही 1 अगस्त को आईटीआर सॉफ्टवेयर में सुधार हो गया है। टैक्सपेयर्स को आईटी प्रीपरेशन सॉफ्टवेयर के लेटेस्ट वर्जन या फिर ऑनलाइन आईटीआर ITR फाइल करने की सलाह दी जा रही है। जिन लोगों ने अगस्त से पहले आईटीआर भरा है और उनसे लेट फीस या ब्याज वसूला गया है कि तो सीपीसी-आईटीआर प्रोसेस करते समय कैलकुलेट कर एक्स्ट्रा रुपयों को वापस किया जाएगा।
टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार आईटीआर या किसी अन्य ई-फाइलिंग यूटिलिटी में इस तरह की खामियां आम बात है। एक बार इन एरर का पता लगने पर आईटी विभाग इन दिक्कतों को दूर कर नया वर्जन सामने रख देता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि टैक्सपेयर्स को हमेशा आईटीआर फाइल करते समय लेटेस्ट ई-फाइलिंग यूटिलिटी का यूज करना चाहिए। अगर उसके बाद भी एरर दर्शाता है तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को सूचति कर दिया जाता है।