प्रॉपर्टी में निवेश शुरू से काफी लाभकारी माना जाता है। लोग कई बार प्रॉपर्टी में निवेश कर कुछ साल बाद बेचकर मुनाफा कमाते हैं तो कई बाद लोगों को घाटा भी उठाना पड़ जाता है। मुनाफे पर तो टैक्स लगाना लाजमी है लेकिन घाटा होने पर आपको कितना टैक्स भरना पड़ेगा या फिर कोई टैक्स लगेगा कि नहीं। इसे लेकर आपके मन में जरुर सवाल उठते होंगे। आइए जानते हैं……

घर बेचने पर दो तरह के टैक्स लगते हैं। पहला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG)  जो किसी भी प्रॉपर्टी को 2 साल से अधिक की अवधि पर लगता है। मौजूदा इनकम टैक्स की दर से मुताबिक फ़िलहाल यह 20 फीसदी है। दूसरा शोर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता (STCG) है जो किसी भी प्रॉपर्टी को 2 साल से कम की अवधि में बेचने पर लगता है। शोर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स का निर्धारण इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक होता है।

घर नुकसान में बेचने पर क्या टैक्स भरना  होगा?: इस पर टैक्स एक्सपर्ट चिराग नांगिया का कहना है कि यदि किसी प्रॉपर्टी सेल पर नुकसान हो रहा है तो इसे आईटीआर (Income Tax Return) कैलकुलेट करते समय कैपिटल गेन टैक्स में एडजस्ट किया जाएगा। इसके साथ आपको रिटर्न फाइल करते समय अपनी सभी आय के स्रोतों के बारे में बताना है। इसके साथ कैपिटल गेन टैक्स के लिए आईटीआर 2 फॉर्म भरना होगा। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि यदि किसी वर्ष आपका नुकसान कैपिटल गेन टैक्स में पूरी तरह एडजस्ट नहीं हो पाता है तो इसे अगले साल भी कैरी-फॉरवर्ड किया जा सकता है।

लंबे समय तक प्रॉपर्टी रखना होता है फायदेमंद: लंबे समय तक प्रॉपर्टी रखना हमेशा फायदेमंद माना जाता है। इसके साथ आपको इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है और समय के साथ आपके मकान की कीमत भी बढ़ती रहती है। बता दें, यदि आप शॉर्ट टर्म में अपनी प्रॉपर्टी बेचते हैं तो आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मिली मूलधन में भुगतान, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज पर मिली छूट को वापस लौटना होता है।

इंडेक्सेशन क्या होता है?:इंडेक्सेशन का मतलब यह है कि आपने अपनी प्रॉपर्टी को जितने समय तक खरीद कर अपने पास रखा है उस अवधि की महंगाई दर को प्रॉपर्टी की कीमत में जोड़ा जाता है, लंबे समय बाद आप घर बेचते हैं तो आप आने वाला टैक्स का भार भी कम हो जाता है।