देश में सबसे अधिक ब्याज दर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पीएफ पर मिलती है लेकिन ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टी ने पीएफ पर लगाने वाले ब्याज को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को दिया है। जिसके बाद ईपीएफओ के पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर 0.4 फीसदी से कम हो जाएगी। यह ईपीएफओ के पीएफ पर मिलने वाली 40 सालों में सबसे कम ब्याज दर है। पिछले कुछ समय की बात करें तो देश में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भारी कटौती देखने को मिली है। आइये जानते हैं इन योजनाओं पर ब्याज दरों के बारे में..
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना : यह बचत योजना केंद्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। इस योजना के अंतर्गत 60 साल से ऊपर का कोई भी वरिष्ठ नागरिक अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर इस योजना का लाभ उठा सकता है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में 7.4 फीसदी की ब्याज दर दी जा रही है। इसमें आप अधिकतम 15 लाख तक का निवेश कर सकते है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड: इस योजना के अंतर्गत देश का कोई भी नागरिक बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर अपना पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकता है। पीपीएफ पर वर्तमान ब्याज दर 7.1 फीसदी है। इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश किया जा सकता है।
किसान विकास पत्र: इस योजना को डाक विभाग के द्वारा 1988 में लॉन्च किया गया था। किसान विकास पत्र में आप कम से कम एक हजार रुपए का निवेश कर सकते है जबकि ऊपरी निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस योजना में आपको 6.9 फीसदी ब्याज दर के साथ आयकर की धारा 80C के तहत आयकर में छूट मिलती है।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC): एनएससी भी डाक विभाग के द्वारा चलाई जाने वाली लोकप्रिय योजना है। इसमें वर्तमान में 6.8 फीसदी का ब्याज दर मिल दिया जा रहा है। एनएससी में 5 वर्ष का लॉक इन पीरियड होता है। इस योजना के तहत भी आयकर की धारा 80सी में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) : पिछले दस सालों के दौरान देश एफडी पर ब्याज दर में भारी कमी आई है। 2010-11 में जहां 9 से 10 फीसदी तक ब्याज मिल जाती थी जो अब घटकर औसतन 6 फीसदी के आसपास रह गई है।