रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक की ओर से दिए जाने वाले लोन के नियमों में बदलाव किया है। रिजर्व बैंक ने कंपनी डायरेक्टर्स के लिए पर्सनल लोन की लिमिट को बढ़ाकर 20 गुना कर दिया है। इसके लिए आरबीआई की ओर से बकायदा सर्कूलर जारी किया गया है। जिसमें कहा कहा गया है कि बैंक अपने खुद या दूसरे बैंक के डायरेक्टर्स, चैयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर्स उनकी पत्नी या आश्रितों को 5 करोड़ रुपए का लोन मिल सकता है। आंकड़ों के अनुसार इस लिमिट में 20 गुना तक का इजाफा किया गया है। इससे पहले यह लिमिट 25 लाख रुपए तक थी। आरबीर्आइ के नए नियम के अनुसार यही नियम किसी फर्म या कंपनी पर भी लागू होंगे। फिर वो कंपनी का डायरेक्टर, चैयरमेन, उसकी पत्नी या पति बच्चों, रिश्तेदार या प्रमुख शेयर होल्डर ही क्यों ना हो।
बोर्ड लेगा फैसला : नए नियमों में रिजर्व बैंक ने कहा कि कर्ज लेने वालों को 25 लाख से लेकर 5 करोड़ से कम की लोन बेनिफिट के प्रस्तों को अथॉरिटी की ओर से पास किया जा सकेगा। इसमें शर्त यह भी है कि लोन लेने वालों को सभी दस्तावेजों के साथ बोर्ड को सूचित करना होगा। जिसके बाद ही बोर्ड इस पर फैसला ले पाएगा। मतलब साफ है कि लोन की राशि बढ़ाने के साथ आरबीआई ने नियमों को थोड़ा सख्त बना दिया है। ताकि किसी भी तरीके फ्रॉड से बचा जा सके।
होता है पद का दुरुपयोग : आरबीआई के लिए यह नियम इसलिए लाना जरूरी हो गया था क्योंकि कई लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग कर अपने नाते रिश्तेदारों एवं दोस्तों को माटा लोन दिलाया। इसका सबसे चर्चित मामला आईसीआईसीआई बैंक का है। जिसकी तत्कालिक प्रमुख चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर
लोन के लिए पद का दुरुपयोग वीडियोकॉन को 3250 करोड़ का लोन दिया था। जिसकी वजह से आरबीआई की ओर से सख्ती दिखाई जा रही है।
आरबीआई कर रहा है कई तरह के बदलाव : वहीं दूसरी ओर आरबीआई कई तरह के बदलावों की जा रहा है। कोविड काल में लोगों को सहुलियत देने के लिए रिजर्व बैंक ने कई तरह के ऐलान किए। साथ ही आरबीआई बैड लोन बैंक का भी ऐलान कर चुकी है। वहीं दूसरी ओर आरबीआई के डिप्टी गर्वनर का हाल ही बयान आया है कि वो अब खुद की डिजिटल करेंसी लेकर आने का विचार कर रहे हैं। ताकि आम लोगों का निवेश सुरक्षित रह सके।