केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा कई सरकारी संस्थाओं की ओर से महिलाओं को कई तरह की छूट, सुविधाएं और अधिकार दिए हुए हैं। अगर बात टैक्स की करें तो महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी होने पर आपको टैक्स पर ज्यादा बेनिफिट मिल सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि महिलाएं टैक्स बचाने के मामले पुरुषों के मामले में ज्यादा बेहतर हैं। महिलाएं थोडा सा कैल्कुलेशन करं तो ज्यादा टैक्स बचाने में कामयाब हो सकती हैं।
बैंक होम लोन देती हैं सस्ता : अगर बात होम लोन की करें तो बैंक महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सस्ती दरों में होम लोन मिलता है। एसबीआई महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 5 बेसिस प्वाइंट की छूट मिलती है। खास बात ये है कि जिस घर के लिए आप होम लोन ले रहे हैं वो घर भी महिलाओं के नाम पर होना चाहिए। तभी इसका फायदा मिलेगा।
स्टांप ड्यूटी में मिलती हैं छूट : देश के कई राज्यों में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए महिलाओं को स्टांप ड्यूटी पर छूट भी मिलती हैं। दिल्ली सरकार की वेबसाइट के अनुसार पुरुषों को स्टाम्प ड्यूटी पर 6 फीसदी का भुगतान करना होता है, जबकि महिलाओं को दो फीसदी की छूट यानी 4 फीसदी स्टांट ड्यूटी दी जाती है। बता दें कि स्टाम्प ड्यूटी प्रॉपर्टी के सर्किल रेट या कंसीडरेशन अमाउंट में जो भी अधिक हो उसके आधार से कैल्कुलेट किया जाता है।
प्रॉपर्टी टैक्स में मिलती है छूट : देश के कई नगर निगम महिलाओं को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देते हैं। प्रॉपर्टी टैक्स रेट अलग-अलग नगर निगम म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन से दूसरे में अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में प्रॉपर्टी टैक्स की दर आपको एक बार चेक करनी होगी कि आपके राज्य में किस दर से प्रॉपर्टी टैक्स लगता है। हालांकि, ये ध्यान रखना होगा कि महिलाओं को प्रॉपर्टी टैक्स का फायदा तभी मिलेगा, जब वह प्रॉपर्टी भी महिला के ही नाम पर रजिस्टर हो।
टैक्स छूट की सीमा पुरुषों के बराबर : 2011-12 तक महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा टैक्स छूट मिलती थी, लेकिन 2012.13 में इसे पुरुषों के बराबर छूट मिलती है। अब महिलाओं को भी पुरुषों की तरह 2.5 लाख रुपए की इनकम पर टैक्स में छूट दी जातीर हैफ वहीं महिलाओं की इनकम 2.5 लाख से ज्यादा और 5 लाख से कम हैं तो बची हुई इनकम पर टैक्स में रिबेट मिलती है। यानी 5 लाख रुपए तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना पडता है।