अगर आप दिवाली पर किसी को गिफ्ट देने का प्‍लान कर रहे हैं या फिर आपको गिफ्ट मिल रहा है। साथ ही कंपनी की ओर से कर्मचारियों को बोनस दिया जा रहा है तो क्‍या इसके लिए आपको टैक्‍स भरना पड़ेगा? आयकर विभाग के अनुसार, करदाताओं को किसी भी उपहार पर टैक्‍स देना पड़ सकता है। चाहे दिवाली हो या मौद्रिक उपहार वे टैक्‍स के लिए उत्तरदायी हैं।

आयकर विभाग के निर्देशों के अनुसार, टैक्‍सेशन के नजरिए से देखे तो गिफ्ट को कई कैटेगरी में डिवाइड किया जाता है। इसमें मौद्रिक उपहार, चल संपत्ति का उपहार, कम कीमत पर प्राप्त निर्दिष्ट चल संपत्तियां, अचल संपत्ति का उपहार और अचल संपत्ति के रूप में मिले गिफ्ट पर टैक्‍स लगाया जाता है। हालांकि आप कुछ पर छूट का दावा कर सकते हैं, लेकिन टैक्‍स छूट की एक निश्चित सीमा होती है।

इस तरह के गिफ्ट पर नहीं लगेगा टैक्‍स

वहीं अगर किसी व्यक्ति की ओर से मौद्रिक उपहार दिया जाता है, तो उसपर टैक्‍स नहीं लगाया जाएगा। जैसे रिश्तेदारों से प्राप्त धन, जो कि पति या पत्नी, भाई, बहन या माता-पिता हो सकते हैं आदि पर टैक्‍स नहीं लगाया जाता है।

HUF को टैक्‍स से छूट

एचयूएफ के मामले में धन के रूप में मिले गिफ्ट पर कर नहीं लगता है। इसमें व्यक्ति के विवाह के अवसर पर प्राप्त धन, विरासत के रूप में प्राप्त राशि, टैक्‍सपेयर्स की मौत के मामले में मिले राशि पर, स्थानीय प्राधिकरण से प्राप्त राशि, किसी भी फंड, फाउंडेशन, विश्वविद्यालय, चिकित्सा संस्थानों, अन्य से प्राप्त राशि; दूसरों के बीच किसी कंपनी के डीमर्जर या समामेलन से मिले धन पर कोई टैक्‍स नहीं लगाया जाता है।

कब और कितनी धनराशि पर लगता है टैक्‍स

आयकर एक्‍सपर्ट के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में मिले उपहार या वाउचर कर-मुक्त होंगे यदि उनकी कुल राशि 5,000 रुपये से कम है। आपको 5,000 रुपये से अधिक का कोई भी उपहार आपकी आय में जोड़ा जाएगा और आपकी आय के अनुसार कर लगाया जाएगा।

बोनस पर भी देना होगा टैक्‍स

टैक्स ब्रैकेट उदाहरण के लिए, अगर आपको दिवाली के दौरान लगभग 5000 रुपये और क्रिसमस पर फिर से ​​3,000 रुपये का उपहार मिलता है, तो आपको 3000 रुपये के उपहारों पर कर का भुगतान करना होगा, जो कि 5,000 रुपये से अधिक है। वहीं अगर आपको दिवाली पर बोनस मिलता है तो इसे वेतन का हिस्‍सा माना जाएगा और इसपर टैक्‍स लगाया जाएगा।