आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। ऐसे में अगर आपने अभी तक आईटीआर दाखिल नहीं किया है तो तुरंत कर लें। वहीं बहुत कम लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इन 5 गलतियों के बारे में जानकारी नहीं होती है, जिस कारण से अक्‍सर वे फॉर्म भरते समय यह गलतियां कर देते हैं। इन समान्‍य गलतियों के कारण उनके रिफंड का पैसा भी रुक सकता है। साथ ही इनकम टैक्‍स का नोटिस भी आ सकता है।

आईटीआर फाइल करने के दौरान इन समान्‍य गलतियों को लेकर एक्‍सपर्ट टैक्सबड्डी डॉट कॉम के संस्थापक सुजीत बांगर ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने में कई जटिल परेशानियां है। इनमें से कई गलतियां जानकारी नहीं होने की वजह से होती हैं। यहां हम 5 सामान्य गलतियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसे आईटीआर भरते समय नहीं करनी चाहिए।

गलत ITR फॉर्म चयन: आईटीआर फॉर्म का चयन करना समान्‍य गलती है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो अगर किसी के पास एक से अधिक होम प्रोपर्टी है, तो कोई ITR-1 दाखिल नहीं कर सकता है। इसलिए, सही आईटीआर फॉर्म का पता लगाने और उसे दाखिल करने की जरूरत होती है।

डेलॉयट इंडिया की पार्टनर आरती रावते ने कहा, “आईटीआर-1 एक साधारण टैक्स रिटर्न है जिसे एक निवासी करदाता द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिसकी कुल आय 50 लाख रुपए से अधिक नहीं है और वेतन अन्य आय जैसे सोर्स से आय की सूचना दी गई है।”

बैंक वेरिफिकेशन: आईटीआर रिफंड में देरी का तीसरा सबसे आम कारण बैंक खाते के सत्यापन में समस्या है। पैन और आधार को लिंक करना चाहिए। यह तेजी से धनवापसी के लिए बैंक वेरिफिकेशन और फास्‍ट प्रोसेसिंग के लिए ई-वेरिफिकेशन में मदद करता है।

सट्टा आय बनाम नियमित बिजनेस इनकम: यूजर्स द्वारा की जाने वाली खास गलतियां सट्टा लेनदेन जैसे दिन के व्यापार लेनदेन से होने वाले नुकसान की भरपाई के संबंध में हैं। कभी-कभी हमें सट्टा आय से हानि होती है और नियमित शेयर ट्रेडिंग या एफ एंड ओ ट्रेडिंग से लाभ होता है। सुजीत बांगर के अनुसार, सट्टा लेनदेन से होने वाले नुकसान को एफएंडओ या शेयरों में नियमित व्यापार जैसी व्यावसायिक आय के खिलाफ सेट नहीं किया जा सकता।

टैक्स डिडक्शन का क्रेडिट नहीं लेना: कई बार उम्मीद से कम रिफंड मिलता है। कभी-कभी हमें देय धनवापसी के बजाय डिमांड नोटिस मिलते हैं और इसका सामान्य कारण टीडीएस कटौती के लिए देय क्रेडिट नहीं मिल रहा है।

taxbuddy.com के सुजीत बांगर ने कहा ने कहा कि ”यह सबसे समान्‍य यूजर्स करते हैं कि वे आय के उचित शीर्ष के तहत कर कटौती का क्रेडिट नहीं लेते हैं। जैसे यदि मेरे पास वेतन के साथ पेशेवर रसीदें हैं और दाखिल करते समय मैंने पेशेवर आय को वेतन से आय के रूप में जोड़ा है, तो मुझे कर विभाग से नोटिस मिलेगा।”

फॉर्म 16 से आगे टैक्स नहीं बचाया जा सकता: वेतनभोगी व्यक्तियों को मतभेद रहता है कि टैक्स को फॉर्म 16 से आगे नहीं बचाया जा सकता है। वे टैक्स कटौती पर नए सिरे से नज़र डाले बिना फॉर्म 16 की कर गणना पर भरोसा करके आईटीआर फाइल करते हैं। सुजीत बांगर का कहना है कि हमे इस गलती से बचना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि बच्चों की ट्यूशन फीस या आरटीपीसीआर टेस्ट पर 5000 रुपए की 80 डी के तहत कर कटौती की जा सकती है।