प्रोविडेंट फंड से आम निवेशकों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। जिसमें टैक्स रिलेटिड तो फायदे हैं ही साथ ही निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी दूसरे निवेश विकल्पों से ज्यादा है। अगर बात पहले इनकम टैक्स की करें तो निवेशकों को 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। वहीं ईपीएफ में निवेश पर मौजूदा ब्याज दर 8.50 फीसदी मिल रहा है। इसके ब्याज पर कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है। इसका मतलब यह है कि जितना ज्यादा निवेश उतना ज्यादा ब्याज हासिल होगा। वहीं नौकरी छोड़ने या बदलने पर लोग अपना रुपया निकाल लेते हैं या फिर रुपयों की जरुरत पर निवेश को तोड़ देते हैं। जिसकी वजह से फायदा कम हो जाता है।
सबसे खास बात तो यह है कि अगर आपने रिटायरमेंट होने से पहले अपने ईपीएफ अकाउंट से कभी रुपया नहीं निकाला तो उसके आपको कई तरह के फायदे मिलेंगे। पहला फायदा तो यह होगा कि आपको अच्छी खासी मोटी रकम मिलेगी। लगातार कंपाउंडिंग होने का फायदा मिलता है। रिटायरमेंट के दौरान मिलने वाली रकम पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि आपने कभी सर्विस के दौरान ईपीएफ अकाउंट से रुपया ना निकाला होगा।
मिलता है पेंशन का फायदा : अगर आपने पीएफ अकाउंट से कभी रुपए नहीं निकाले हैं तो पेंशन का भी फायदा मिलता है। इंप्लॉय पेंशन स्कीम में हर महीने कुछ रुपए पेंशन के रूप में मितते हैं। ईपीएफओ नियमों के अनुसार 10 साल तक बिनी किसी निकासी के पीएफ खाता रन करता है तो उसकी पेंशन शुरू हो जाती है। वास्तव में ईपीएफ में इंप्लॉयर की ओर से जमा होने वाली रकम का कुछ हिस्सा पेंशन फंड में जाता है। जिसके बाद 58 साल की उम्र के बाद से पेंशन शुरू हो जाती है।
इन बातों का ख्याल रखना जरूरी : रिटायर होने वाले हैं या फिर रिटायर हो चुके हैं और आपने अभी तक अपना रुपया नहीं निकाला है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। नियम के अनुसार रिटायरमेंट के बाद आप ईपीएफ अकाउंट से रुपया निकालने में देरी करते हैं तो जो ब्याज आएगा उसपर आपको टैक्स का भुगतान करना होगा। वास्तव में ईपीएफ के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट सिर्फ कर्मचारियों को मिलती है। रिटायरमेंट के बाद उन्हें कर्मचारियों के श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
रुपया निकालने पर इन बातों का रखें ध्यान : अगर आपको नौकरी के दौरान रुपयों की जरुरत की वजह से ईपीएफ से पैसा निकालना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि नौकरी कम से कम 5 साल की हो चुकी हो। अगर नौकरी के पांच साल पूरा होने से पहले ईपीएफ से रुपया निकाला है तो उस टैक्स देना होगा। 5 साल की नौकरी होने के बाद फंड से रुपया निकाला जाता है तो आपको किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा।
इन कैटेगिरी में रखा जाता है ईपीएफ अकाउंट : ईपीएफ अकाउंट को दो कैटेगिरी में बांटा जाता है। पहला एक्टिव अकाउंट और दूसरा है इनैक्टिव अकाउंट। जिसमें 3 साल से कोई निवेश ना हुआ हो। एक्टिव अकाउंट में प्रत्येक वर्ष ब्याज मिलता है। खास बात तो यह है कि 2016 के बाद से इनैक्टिव अकाउंट में भी प्रत्येक वर्ष ब्याज मिलता है। अगर आपका अकाउंट इनैक्टिव है और अकाउंट होल्डर की एज 58 साल हो चुकी है तो ब्याज मिलना बंद हो जाएगा।