कोविड 19 में लोगों में हेल्‍थ और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस दोनों की अहमियत को समझा है। जिसकी समझ बीते दो से तीन महीनों में ज्‍यादा देखने को मिली है। इसका प्रमाण है दो महीनों में हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कराने वालों में इजाफा। वहीं दूसरी ओर इंश्‍योरेंस कराने के दौरान कई लोग अपनी हेल्‍थ हिस्‍ट्री के बारे पूरी जानकारी नहीं देते हैं। साथ ही कई ऐसी और जानकारियों को छिपाते हैं जिन्‍हें इंश्‍योरेंस कंपनी को बताना जरूरी होता है। जब क्‍लेम की बात आती है और छिपी हुई बातें सामने आती हैं तो क्‍लेम अटक जाता है। ऐसे में आपको कई बातों को ध्‍यान में रखने की जरुरत है। साथ ही अहम जानकारियों को भी बताना जरूरी है।

क्रि‍मिनल रिकॉर्ड की दें जानकारी : इंश्‍योरेंस खरीदते समय आपको काफी सावधान रहने की जरुरत है। ऐसे में आप पर कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड है तो इंश्‍योरेंस कंपनी को इस बारे में जरूर जानकारी दें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और कंपनी को इस बारे में बाद में पता चलता है तो आपके क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में आपके सारे रुपए डूब सकते हैं।

स्‍मोक‍िंग करने की दें जानकारी : अगर आप स्‍मोकिंग करते और इंश्‍योरेंस खरीदने जा रहे हैं तो भी इसकी जानकारी इंश्‍योरेंस कंपनी को जरूर दें। वास्‍तव में जो लोग स्‍मोकिंग करते हैं उन लोगों को प्रीमियम ज्‍यादा अदा करना पड़ता है। इस बात को छिपाने पर आपका क्‍लेम सेटल होने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

शराब या कोई दूसरा नशा करने पर : शराब या किसी दूसरे तरीके का नशा करने वालों को भी अपनी पूरी जानकारी इंश्‍योरेंस कंपनी को देनी चाहिए। इसका कारण है। अगर नशा करने के बाद मृत्‍यु होने के बाद जब जांच होती है तो परिवार का क्‍लेम रिजेक्‍ट हो सकता है। वास्‍तव में इंश्‍योरेंस कंपन‍ियां क्‍लेम सेटल करने से पहले मेडि‍कल हिस्‍ट्री चेक करती है। सही जानकारी ना देने पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।