आयकर विभाग की ओर से साफ कर दिया गया है कि मान्‍यमा प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंज और कमोड‍िटी एक्‍सचेंज से शेयर एवं कमोडिटी खरीदने पर किसी तरह का टीडीएस ना काटा जाए, फ‍िर चाहे उसकी कीमत 50 लाख रुपए से ज्‍यादा ही क्‍यों ना हो। वास्‍तव में विभाग ने 1 जुलाई से टीडीएस के लिए नए रूल लागू किए हैं। जोकि 10 करोड़ रुपए का कारोबार करने वालों के लिए हैं। इन नए रूल्‍स से कमोडिटी और शेयर बाजार को बाहर रखा गया हे।

सीबीडीटी के अनुसार 10 करोड़ रुपए से ज्‍यादा का टर्नओवर करने वाला कारोबार तो एक वित्‍त वर्ष में 50 लाख से ज्‍यादा का सामान खरीद का भुगतान करता है उस पर 0.1 फीसदी का टीडीएस काटा जाएगा। वहीं सीबीडीटी की ओर से साफ किया गया है कि यह प्रावधान किसी शेयर या कमोडिटी को खरीदने पर लागू नहीं होगा। आइए आपको इसके बारे में विस्‍तार से जानकारी देते हैं।

शेयर की खरीद पर लागू नहीं होगा प्रावधान: आयकर विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार उन्‍हें इस बारे में कई रिप्रेजेंटेशन मिले। जिसमें कुछ एक्‍सचेंजों और क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन के माध्‍यम से ट्रांजेक्‍शन के मामले में आयकर अध‍िनियम की धारा 194 क्‍यू में शामिल टीडीएस के नियमों को लागू करने में व्यावहारिक कठिनाइयां हैं। इसका कारण बताते कहा गया है क इस तरह के ट्रांजैक्शंस में खरीदारों ओर विक्रेताओं के बीच कोई वन-टू-वन कॉन्ट्रैक्ट देखने को नहीं मिला है।

सीबीडीटी ने जारी किए निर्देश : सीबीडीटी की ओर से 30 जून को जारी अपने नि‍र्देश में कहा गया है कि इन मुश्किलों को दूर करने के लिए यह तय हुआ है कि आयकर अधिनियम की धारा 194 क्‍यू के प्रावधान शेयरों और कमोडिटीज ट्रांजेक्‍शन पर लागू नहीं किए जाएंगे। जो मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए खरीदे गए हैं या जिनको सेटल और क्लियर किसी मान्यता प्राप्त क्लीयरिंग हाउस के जरिए किया गया है।

आयकर विभाग दिखा रहा है अब सख्‍ती : व्यवसायों की ओर से टीडीएस कटौती से संबंधित धारा 194 क्‍यू को 2021-22 के बजट में पेश हुआ था। यह 1 जुलाई, 2021 से लागू हुआ है। सीबीडीटी की ओर से कहा गया है कि कि केवल वो संस्थाएं जिनका पिछले वित्त वर्ष में बिजनेस से सालाना टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा होगा सिर्फ उनको ही 50 लाख रुपए से ज्यादा की खरीद पर टीडीएस काटना होगा।

क्‍या कहते हैं जानकार : जानकारों की मानें तो समाान में ट्रांजेक्‍शन केवल जीएसटीएन सिस्‍टम में कैप्‍चर हुआ था, क्योंकि आयकर कानून ने कभी भी सामान की खरीद/बिक्री से जुड़े ट्रांजेक्‍शन को नहीं लिया। अब नए प्रावधानों के साथ आयकर व्‍यवस्‍‍था मासिक आधार सामान के ट्रांजेक्‍शन से जुड़े बिक्री के आंकड़ों को भी लेगा। यह नया रूल मैन्यूफैक्चरिंग और ट्रेडिंग कम्यूनिटीज पर अपनी पकड़ को और ज्‍यादा सख्त करेगा, उनको निर्देश देगा कि वो टैक्स फाइलिंग के सही आंकड़े पेश करें, जिससे टैक्स कलेक्शन में भी इजाफा होगा।