हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस क्‍लेम को लेकर लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं, जिसमें से एक खास सवाल यह है कि क्‍या बीमा दावा (Insurance Claim) करने की कोई समय सीमा (Insurance Claim Limit) है? अगर हां तो कबतक और क्‍या करना होता है। बता दें कि जीवन बीमा दावा करने की कोई समय सीमा नहीं होती है, लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पर अलग-अलग सीमाएं तय की जाती हैं।

हालाकि बीमाकर्ता यह जांच करेंगे कि घटना के समय पॉलिसी सक्रिय थी या नहीं। इसके अलावा, वे ऐसे विलंबित दावों को दाखिल करने के कारणों की भी जांच करते हैं। अगर कारण और दस्‍तावेज सही पाए जाते हैं तो आपको बीमा की रकम दे दी जाती है। आइए जानते हैं इंश्‍योरेंस किन परिस्थितियों में किया जा सकता है।

जीवन बीमा: अगर किसी व्‍यक्ति ने जीवन बीमा नामांकित व्यक्तियों के लिए पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद दावे की सूचना देने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। स्क्रिपबॉक्स के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अनूप बंसल ने कहना है कि मौत का दावा करने के लिए नामांकित व्यक्ति के लिए कोई समय सीमा नहीं है। एक जीवन बीमा कंपनी को एक समय सीमा का पालन करना होता है जब मौत का क्‍लेम किया जाता है।

वहीं केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सचिन दत्ता के अनुसार, ऐसे मामले में जहां पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों नहीं हैं, वहां अभी भी डेथ क्लेम दाखिल करने का प्रावधान है। ऐसे मामले में, पॉलिसीधारक के कानूनी उत्तराधिकारियों को प्रासंगिक सहायक दस्तावेज प्रदान करने की आवश्यकता होती है।

स्वास्थ्य बीमा: पॉलिसीधारक के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बाद दावे के बारे में सूचित करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित है। कैशलेस या प्रतिपूर्ति जैसे विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य बीमा दावों के लिए अलग-अलग समय सीमाएं हैं। पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ नवल गोयल ने कहा कि पॉलिसीधारकों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए समयसीमा का पालन करना चाहिए।

कैशलेस सुविधा का लाभ उठाने के मामले में बीमाकर्ता को नियोजित अस्पताल में भर्ती होने के बारे में 48 या 72 घंटे पहले सूचित करना होगा। इमजेंसी के मामले में, बीमाकर्ता को अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे बाद सूचना देनी चाहिए। वहीं प्रतिपूर्ति का लाभ उठाने के लिए, आप अस्पताल से छुट्टी सारांश प्राप्त करने के लिए 30 दिनों के भीतर अधिकतम 90 दिनों के लिए दावा दायर कर सकते हैं।

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के स्वास्थ्य बीमा प्रमुख अमित छाबड़ा ने कहा कि 90 दिनों से अधिक समय तक प्रतिपूर्ति का दावा दायर करने से दावा खारिज हो सकता है। क्‍योंकि बीमाकर्ता देरी के कारणों की जांच करता है और दावा प्रामाणिक नहीं होने पर खारिज किया जा सकता है।