पोस्टल डिपार्टमेंट का कहना है कि उसे आरडी अकाउंट होल्डर्स से सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म पर मेच्योर्ड अकाउंट पर बकाया आरडी लोन/ इंट्रस्ट अमाउंट जमा करने करने के बारे में आवेदन मिल रहे हैं। इस पूरे मामले की जांच के बाद डाक विभाग की ओर से जरूरी संशोधन किए हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि इस मामले में पोस्टल डिपार्टमेंट की ओर से किस तरह के बदलाव किए गए हैं।
मेच्योरिटी भुगतान के समय काटा जाएगा लोन अमाउंट
डाकघर जो कोर बैंकिंग समाधान या सीबीएस सक्षम हैं, मेच्योर आरडी खाते से बकाया आरडी लोन/ब्याज राशि काट लेंगे। काटी गई राशि राशि आरडी मेच्योरिटी भुगतान के समय कार्यालय अकाउंट के माध्यम से एडजस्ट की जाएगी। दूसरे शब्दों में मेच्योरिटी तक लोन का भुगतान नहीं किया जाता है, तो लोन और ब्याज आरडी खाते के मैच्योर्ड अमाउंट से काट लिया जाएगा।
मेच्योरिटी के बाद 5 साल और किया जा सकता है एक्सटेंड
डाकघर आरडी खाते खोलने की तारीख से 5 साल या 60 मासिक डिपॉजिट में मेच्योरहोते हैं। संबंधित डाकघर में आवेदन देकर खातों को आगे 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। विस्तार के दौरान लागू ब्याज दर वह ब्याज दर होगी जिस पर मूल रूप से अकाउंट खोला गया था। पोस्ट ऑफिस आरडी अकाउंट मैच्योरिटी की तारीख से 5 साल तक बिना डिपॉजिट के भी रखा जा सकता है।\
लोन पर इतना देना होता है ब्याज
आरडी खातों पर 12 किस्त जमा करने और 1 साल तक खाते को चालू रखने के बाद लोन लिया जा सकता है। जमाकर्ता खाते में जमा शेष राशि के 50 फीसदी तक लोन सुविधा का लाभ उठा सकता है। लोन एकमुश्त या समान मासिक किश्तों में चुकाया जा सकता है। लोन पर ब्याज आरडी खाते पर लागू 2 फीसदी+ आरडी ब्याज दर के रूप में लागू होगा।