सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत देते साफ कर दिया है कि कोविड के इलाज के लिए मांगी मदद के रूप में रुपयों पर किसी तरह‍ का टैक्‍स नहीं लिया जाएगा। यह रुपया चाहे अपने इंप्‍लॉयर से मांगा गया हो, या फि‍र किसी नाते रिश्‍तेदार से। ध्‍यान देने वाली बात यह है कि अगर किसी व्‍यक्ति की कोरोना से मौत हो जाती है तो परिवार को मिलने वाला रुपया पूरी तरह से टैक्‍स फ्री होगा। वहीं इंप्‍लॉयर के अतिरिक्‍त अगर किसी और ने यह मदद की है तो 10 लाख रुपए तक की रकम पर टैक्‍स नहीं होगा। यह फायदा वित्‍त वर्ष 2019-20 और उसके बाद के वर्षों पर लागू होगा।

आयकर कानून के अनुसार नातेदारों से ली गई मदद, उधार या रुपया डोनेशन रनहीं माना जाता है। इनकम टैक्‍स कानून इसे उपहार यानी गिफ्ट के तौर पर देखता है। वैसे इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सभी गिफ्ट टैक्‍स फ्री नहीं होते हैं इसकी भी एक सीमा है। जिसके बाद उनपर भी टैक्‍स लगाया जाता है। अगर आपने कोविड काल में किसी से मदद ली है तो जानना काफी जरूरी है कि कितनी रकम टैक्‍स फ्री है।

इनकम टैक्‍स में क्‍या है उपहार के लिए रूल्‍स : इनकम टैक्‍स एक्‍ट के अनुसार किसी व्‍यक्ति को एक साल में 50 हजार रुपए तक के गिफ्ट पर टैक्‍स में छूट मिलती है। यह सीमा व्‍यक्तिगत है ना क‍ि पारीवारिक। अगर किसी परिवार में 6 सदस्‍य है तो 50 हजार के हिसाब से पारीवारिक सीमा 3 लाख रुपए तक हो जाती है। यह उपहार कैश के तौर पर भी हो सकता है। वैसे कुछ रिश्‍तेदारों से लिया गया उपहार टैक्‍स फ्री होता है।

कैश पर मिली थी छूट : कोविड-19 के दौर में सरकार की ओर से कई तरह की छूट का ऐलान किया गया था। सरकार ने मई के महीने में कोविड के इलाज के लिए 2 लाख रुपए से ज्यादा का भी कैश पेमेंट करने की छूट दी थी। हॉस्‍पिटल और दूसरे मेडिकल सेंटर्स को आयकर कानून की धारा-269एसटी से बाहर कर दिया गया था। सरकार की ओर से उस वक्‍त लिया गया है एक बड़ा फैसला इसलिए भी था क्‍योंकि‍ उस दौरान लोगों ने अपने जेवर या मकान एवं प्‍लॉट बेचकर रुपयों की व्‍यवस्‍था की थी। ऐसे में लोगों के कैशन ज्यादा था।