बाजार में भारी उथल-पुथल के बीच निवेशक ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद करता है। वहीं, इक्विटी इन्वेस्टमेंट की बात करें तो इसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स चुकाना होता है। आज हम उन तरीकों की बात करते हैं जिससे आप कैपिटल गेन पर टैक्स बचा सकते हैं।

स्टॉक और इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स पर 1 लाख रुपए से ज्यादा के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स चुकाना होता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की स्थिति में 1 लाख रुपए तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है। इसके लिए 31 मार्च से पहले इस प्रकार से प्रॉफिट बुकिंग करें कि टैक्स में छूट का लाभ आपको मिल जाए। इस लाभ को लेने के लिए 31 मार्च से पहले उतने स्टॉक और इक्विटी फंड्स बेच देने चाहिए, जितने पर 1 लाख रुपए तक का लाभ मिल जाए। इसके बाद इन पैसे को अगले वित्तीय वर्ष में निवेश करें।

शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त आपको हमेशा मुनाफा ही होगा, इसकी गारंटी नहीं है। कभी-कभी आपको नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। ऐसे में इन निवेश के दौरान हुए नुकसान को उसी वित्तीय वर्ष के कैपिटल गेन से सेट-ऑफ कर दें।

इनकम टैक्स एक्ट टैक्सपेयर को कैपिटल गेन पर छूट का दावा करने की अनुमति प्रदान करता है। धारा 54EC के अंतर्गत टैक्सपेयर भूमि या भवन जैसी अचल संपत्ति में निवेश से मिले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के छूट का दावा करने के लिए कैपिटल गेन बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। यहां जानना जरूरी है कि इन बॉन्ड्स में 5 सालों का लॉक इन पीरियड होता है और इन पर लगभग 5 फीसदी की ब्याज दर मिलती है। ऐसे में निवेशक को इस तरह के कम रिटर्न वाले लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए जाने से पहले मूल्यांकन कर लेना चाहिए।

सरकार कैपिटल गेन टैक्स को लेकर नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले बजट में सरकार रेवेन्यू कलेक्शन को बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव लेकर आ सकती है।